दर्शन प्यासी बाई सुगणा,
आ रो रो करे रे पुकार
आवो द्वारिकानाथ
थाने बुलावो आखरी वार
कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होग्यो काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होग्यो काना सुं बैर
अरे कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होगया काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होगया काना सुं बैर
अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो ई संसार
अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो संसार
अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज
अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज
अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ अजमल जी रा कँवरा
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार
अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ मेणांदे रा लाला
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार
अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे बेनड़ विलाप
अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे सुगणा विलाप
अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन म्हार
अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन नहीं म्हार
आ रो रो करे रे पुकार
आवो द्वारिकानाथ
थाने बुलावो आखरी वार
कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होग्यो काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होग्यो काना सुं बैर
अरे कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होगया काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होगया काना सुं बैर
अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो ई संसार
अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो संसार
अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज
अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज
अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ अजमल जी रा कँवरा
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार
अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ मेणांदे रा लाला
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार
अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे बेनड़ विलाप
अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे सुगणा विलाप
अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन म्हार
अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन नहीं म्हार