Sunday, July 4, 2010

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

छोटोड़ी नणदल म्हारी पाणी कोणी ल्यावे
छोटोड़ी नणदल म्हारी पाणी कोणी ल्यावे
तो घराँ बेठी चुगती लगावे ओ रसिया
लगावे ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

सीर पर घडलो, घड़े पर मटकी
सीर पर घडलो, घड़े पर मटकी
तो मटकी उपर परसों कोणी झाले ओ रसिया
झाले ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

ऊँची ऊँची पाळ, घडो कोणी डूबे
ऊँची ऊँची पाळ, घडो कोणी डूबे
तो बीच में ज्यावुं तो डर लागे ओ रसिया
लागे ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

No comments: