Friday, August 13, 2010

छोटी सी उमर परणाई

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर
इतरा दिनां तो म्हाने लाड लड़ाया
अब क्यूँ करो सा म्हाने दूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

थारे पिपलिये री, भोळी म्हें चिडकली
थे चावो तो उड़ जाऊं सा
म्हें तो बबासा सा थारे खूंटे री गावडली
टोरो उठे ही टूर जाऊं सा
भेजो तो भेजो सा मरजी है थारी
सावण में बुलईजो जरूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

थां घर जन्मी, थां घर खेली
अब घर भेजो दूजे
आगे बढ़ू तो पग पाछा पड़े
म्हारो काळजियो थर थर धूजे
मुड़े सुं कई बोलू म्हारा आंसूडा बोले
हिवड़ो भर्यो है भरपूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

संग की सहेल्यां आओ, आप गले मिलल्यां
फिर कदं मिलणो होवे सा
भाई भाभी मावडली सुं जाऊं मैं बिछडके
आँखडल्याँ म्हारी रोवै सा
काईं करूँ म्हाने तो निभाणो पडेगो
दुनिया को यो दस्तूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर
इतरा दिनां तो म्हाने लाड लड़ाया
अब क्यूँ करो सा म्हाने दूर

Wednesday, August 11, 2010

वायक आया ओ गुरु देव रा ए

जमले माईं जावणों, जागे रावळ मान
रूप गुरु से अरज करे, थोड़ो म्हारे सामी भाळ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

केम करे ने गुरु आवों रे,
नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ
के नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ

निन्द्रा मंगावो हारा हेर री रे 
ढोली सांपडला पोढ़ावो रे आ आ
हो ढोली सांपडला पोढ़ावो रे आ आ

अतरो करे ने रूपों हालिया रे
आया रिकिया रे दरबारां रे आ आ
ए आया रिकिया रे दरबारां रे आ आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो जी आ आ

सब रे संतों ने रामा राम रे,
म्हारे गुरु ने घणी खम्मा रे आ आ आ
ओ म्हारे गुरु ने घणी खम्मा रे आ आ

हाथ जोड़े ने रूपों बोलिया रे
म्हारी मोजडियों है रोणी रे आ आ आ
ओ म्हारी मोजडियों है रोणी रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

अरे बत्तियों बुजोणी हारा हेर री रे
नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ
ओ नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ

हांकड़ी हेरी में हामी आवियों रे 
रोणी कवेळा हीन गेता रे आ आ आ
हे रोणी कवेळा हीन गेता रे आ आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

हाथ जोड़े ने रूपा बोलिया ए
आपरे फूल वीणवा ग्याता रे आ आ आ
हो आपरे फूल वीणवा ग्याता रे आ आ

रावळ मान देखि बोलिया
फूल कठासुं थे लाया रे आ आ आ
ओ फूल कठासुं थे लाया रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

पेहली वाडी डर रे डूंगरे रे  
दूजी वैकुंठा रे माईं रे आ आ आ
हे दूजी वैकुंठा रे माईं रे आ आ आ

तीजी वाडी रे हारा हेर में रे
चौथी सर्गों रे मांही रे आ आ आ
के चौथी सर्गों रे मांही रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

Friday, July 9, 2010

पाणीडो बरसादे म्हारा राम रे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

उम गयो साड़ लाग्यो सावण सुहावणो
उम गयो साड़ लाग्यो सावण सुहावणो
सहेल्यां रे संग म्हारे, पाणीडे रे जावणो
सहेल्यां रे संग म्हारे, पाणीडे रे जावणो

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

रिमझीम रिमझीम मेहलो बरसे
रिमझीम रिमझीम मेहलो बरसे
सुनी सुनी पिव बिन सेजाँ तरसे
सुनी सुनी पिव बिन सेजाँ तरसे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

हरिया हरिया खेताँ माहीं, ऊँचो ऊँचो रुखड़ो
हरिया हरिया खेताँ माहीं, ऊँचो ऊँचो रुखड़ो
चढ़ चढ़ जोवुं बाट, आवेलो टपूकडो
चढ़ चढ़ जोवुं बाट, आवेलो टपूकडो

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
उबी, उबी जोऊ थारी बाट रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे
पाणीडो बरसा दे म्हारा राम रे

Sunday, July 4, 2010

पिया आवो तो मनडे री बात करल्यां

बाटडल्यां थारी जोवती
म्हारी आँखडल्यां दिन-रात
आवो म्हारा सायबा
तो कोई करल्यां मनडे री बात

पिया आवो तो,
हो जी पिया आवो तो
मनडे री बात करल्यां
पिया आवो तो

थांकी बातडल्यां में
आज पूरी रात करल्यां
थांकी बातडल्यां में
आज पूरी रात करल्यां

पिया आवो तो
मनडे री बात करल्यां
पिया आवो तो

आजा रे आजा मतवाळा ढोला
आया सरसी.......
मनडे री प्यास तो बुझाया सरसी
मनडे री प्यास तो बुझाया सरसी

पिया आवो तो
मनडे री बात करल्यां
पिया आवो तो

परदेशी थारी ओळु घणी आवे
परदेशी थारी ओळु घणी आवे
पागल मन ने कुण समझावे
पागल मन ने कुण समझावे
पायल छम चाम शोर मचावे
पायल छम चाम शोर मचावे
हाथां रा कंगना थाणे ही बुलावे

चंदा चांदनी सुं
हो जी चंदा चांदनी सुं
थांको म्हाको साथ करल्यां
चंदा चांदनी सुं

थांकी बातडल्यां में
आज पूरी रात करल्यां
थांकी बातडल्यां में
आज पूरी रात करल्यां

पिया आवो तो
मनडे री बात करल्यां
पिया आवो तो

आजा रे आजा मतवाळा ढोला
आया सरसी.......
सावणीये में लहरियों लंगाया सरसी
सावणीये में लहरियों लंगाया सरसी

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

छोटोड़ी नणदल म्हारी पाणी कोणी ल्यावे
छोटोड़ी नणदल म्हारी पाणी कोणी ल्यावे
तो घराँ बेठी चुगती लगावे ओ रसिया
लगावे ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

सीर पर घडलो, घड़े पर मटकी
सीर पर घडलो, घड़े पर मटकी
तो मटकी उपर परसों कोणी झाले ओ रसिया
झाले ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

ऊँची ऊँची पाळ, घडो कोणी डूबे
ऊँची ऊँची पाळ, घडो कोणी डूबे
तो बीच में ज्यावुं तो डर लागे ओ रसिया
लागे ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

जळ जमना रो पाणी कैंयाँ ल्यावुं ओ रसिया,
ल्यावुं ओ रसिया
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय
पतळी कमर म्हारी, लुळ लुळ जाय

Sunday, February 7, 2010

गाज्यो गाज्यो जेठ अषाढ़ कँवर तेजा रे

गाज्यो गाज्यो जेठ अषाढ़ कँवर तेजा रे
लगतो ही गाज्यो श्रावण भादवो
सुतो किशोड़ी नींद कँवर तेजा रे
थारोड़ा साहीना बीजे बाजरो

इतरो तो झूठ मती बोल माता जरणी ए ... (२)
म्हारोड़ा साहीना खेले गोर में माता
म्हारोड़ा साहीना खेले गोर में

कद्का उबा हाळी, हळ खड़े है तेजा रे
नेना नेना टाबर खेले गोर में
तेजा नेना नेना टाबर खेले गोर में

हाळी रे बयोड़ा मूंग बाट निपजे तेजा रे
थारे बयोड़ा मती निपजे
कठे तो पड़ी है म्हारी रास्याँ माता जरणी ए
कठे तो पड्यो है बाजू बिंजणो

कठे तो मह्न्ग्याई मेल्या बोल माता जरणी ए ... (२)
कठे तो पड़ी है हळ्यों री हालडी माता
कठे तो पड़ी है हळ्यों री हालडी

ठाण में बंध्याँ है बेल्याँ, बाड़ा में हळ हालडी
खूंट्या टंगी है रास्याँ सार ले तेजा
खूंट्या टंगी है रास्याँ सार ले

तड़के उठियो भोर को
हळीयो लीनो हाथ
आंटा वाळो पेर पोतियो
तेजो चाल्यो खेता रे मांय

देवा ने मनाय चाल्या खेता कँवर तेजा रे
सुगन मनावे बेटो जाट को
केरा बिन्ज्यां मूंग जवार कँवर तेजा रे
थोथलिया धोरा में बायो बाजरो

केडो तप्यो तावड़ो गेहरोड़ी भूख लागी हो ... (२)
तेजो भाता री जोवे बाटडी ... (२)
बेल्याँ म्हारा भूखा उबा है बावज मारी ए
कठे तो लगाईं इतरी देर जी

मण पिस्यो मण पोयो कँवर तेजा रे
मण को तो रांद्यो खाटो खिंचडो

आई तेजा ने रीष जी
किनो भाभी पर कोप
भातो पाछो ले जा भावज
तेजो बोल्यो बोल

तोड़ी आई लारती, लाड लड्या देवर रे
नेने ने छोड्यो हिंडे रोवतो
म्हा पर क्यों करो हो रीष देवर म्हारा रे
लावेनी परण्योड़ी बैठी बापके

बेल्याँ छोड़ खेता रे माँही, तेजो घराने चाल्यो जी ... (२)
भावज रा बोल लागा काळजे ... (२)

बेपारा घराने कैंयाँ आयो कँवर तेजा रे ... (२)
कईं रे फाटी ओ हळ री हाळडी बेटा
कईं फाटी रे हळ री हाळडी

भाभी मोह्न्सो बोल्या
रीष करी मन मांय
परणी बैठी बापके
देवर लावे क्यूँ नी जाय

किणु म्हारी करी ही सगाई माता जरणी ए
किण तो परणायो पिळा पोतड़ा माता
किण तो परणायो पिळा पोतड़ा

काका-भाभा करी है सगाई कँवर तेजा रे
भाभोसा परणायो पिळे पोतड़ा

कठे म्हारो ब्याव करायो माता जरणी ए ... (२)
किणसुं हथलेवो म्हारो जोडीयो माता
किणसुं हथलेवो म्हारो जोडीयो

गाँव पनेर रायमल जी मुथासेन रे ... (२)
बेटी पेमल सुं करीयो ब्याव जी थारो
बेटी पेमल सुं करीयो ब्याव जी

माँ बेटा री बाताँ सुणने
भाभी बोल्या आय
परणी ने लावण सुं पेहला
बेनड ने घर लाव

नणदल बाई बैठा सासरे, पीहर री म्हाने आश रे
जावोनी देवर आणे बेन रे
धरम निभावो देवर जावो रांदल रे सासरे
बेनड उडावे काळा कागला

बेल्याँ ने श्रृंगार चाल्याँ, चाल्याँ कँवर तेजा रे ... (२)
बाई राजल रे चाल्या सासरे ... (२)

दोए रातावासा लीना है कँवर तेजा रे ... (२)
तीजी परभाते तेजो पुगीया ... (२)

दीरे री उडीक में
बाई काळा काग उडाय
आणे आयो तेजल वीरो
बाई मन री मन हर्षाय

डावी म्हारी आँख फरुके नणदल बाई ओ
हवळे बोले है काळो कागलो
के तो आवे जामण जायो वीर नणदल बाई ओ
नहीं तो काकोसा आणे आवशी

जोगोजी सी आज पुगा कँवर तेजा रे ... (२)
बाई राजल रे आया सासरे तेजोजी
बाई राजल रे आया सासरे

राम राम सगाँ सगीने किना कँवर तेजा रे
बाई राजल रे आणे आवियो

उग्यो म्हारे सोने केरो सूरज तेजल वीरा ओ
मुखड़ो देख्यो रे म्हारे वीर को

राखडी पूनम री वीरा
भाई मिलन रो जोग
सासरे सुं सिख लेय
चाल्या पिवर की और

राजल आई पिहरिये, वधावो भाभी म्हारी ए
मायड़ मिलवारो घणो कोडजी

आवो आवो राजल बाई, काळजिए री कोर ए
गळे लग जाय म्हारे जीवडी

राजल ने घर लाय पनेरा चाल्याँ कँवर तेजा रे ... (२)
घोड़ी श्रिंगारो बेली चाँव सुं म्हारी
घोड़ी श्रिंगारो बेली चाँव सुं

मोरतियो पूछाय, पछे जावो कँवर तेजा ओ
सुगन मनाय जावो सासरे
लावो थारा वेद ने पुराण जोशी म्हारा हो
जुना जुगाँ रा देखो टिपणा

जोशी देखे टिपणो
माथो ठण्क्यो जाय
काल चोघडियो देखने
चिंता रही रे समाय

मोरतियो पकड़ में कोणी, सिर पर जोखो रामजी
धोळी तो दिखे तेजा देवळी
बोल कड़वा बोल जोशी, करे कँवर ने घात क्यूँ
पाछा आया सुं पटकू जाजरी

नख्ल्या थारी खाल पडावुं सुण जोशी ओ ... (२)
डोड्याँ में टंगावुं थारी खालडी जोशी
डोड्याँ में टंगावुं थारी खालडी

बामण मार्या धरम थारो डिग जावे कँवर तेजा रे ... (२)
अबकी तीजा ने जईजो सासरे तेजा
अबकी तीजा ने जईजो सासरे

शूर ना देखे टिपणा
वार नी देखे शूर
मरणे ने मंगळ गिने
ज्यांरे मुख पर बरसे नूर

हठ मत कर, केहणो मान लोण्या देवर रे
बेन परणादूँ म्हासूं छोटकी
बेन तो परणावो म्हारा बड़ा भाई ने भाभी ए
तेजो कुमायों जासी सासरे

लिलण ने शिणगारो अब हुकम दियो है तेजा रे ... (२)
परभाताँ जाणों है म्हारे सासरे भाई
परभाताँ जाणों रे म्हारे सासरे

तेजा म्हाने माफ़ करा बोली लिलण माथो धूणे ओ
मत ना सिदावो थे तो सासरे
ढळतोडी राताँ में तुतों चाल लिलण म्हारी ए
वेगेरो पोह्चादे म्हाने सासरे

तेजो चाल्यो सासरे
गाँव पणेर की और
सुगन पलावु होवण लागा
कुरलावे है मोर

डेला मांही मीनकी, आडी फिरी कँवर तेजा रे
कन्या मिलगी मारग में रोवती
कांकड़ मांही छाणा चुगती मिलगी दोय लुगायाँ रे
डावे तो कवळे बोली कोचरी

मेहा तारी राताँ मांही चाल्याँ कँवर तेजा रे ... (२)
मन में भरोसो समरो साथ में पिरे रे
मन में भरोसो समरो साथ में

दीज री अधरात पनेरा पुगा कँवर तेजा रे
जाय वनमाळी ने हेलो मारियो
खिड़की बागाँ री थेतो खोलो वनमाळी जी
बारे भींजे है बेटो जाट को

हो कठारा माल री
ने किसियोक थारो गाँव
माळी पूछे बाग़ रो
कांई थारो नाम

कुंच्या म्हारे पास नहीं है सुणलो कँवरा हो
कुंच्या तो ले गयी है पेमल गोरड़ी
आ लो थे तो एक महोर वनमाळी हो
परणी रे घडाजो टीमणो तेवको

खिड़की बागाँ री खोली वनमाळी जी ... (२)
रातवासो लीनो बेटे जाट को ... (२)

घोड़ी तो उजाड्यो बाग़ फिर फिर मुंडा मारे हो ... (२)
नाश करियो रे सारे बाग़ रो ... (२)

करी पुकार पेमल ने जाय
सुणो बाईसा आप
परदेशी आयो बाग़ में
ज्याँरी घोड़ी कियो रे बिगाड़

कीनो सारे बाग़ रो उजाड़ पेमल बाई ए
परदेशी बतावुं घोळी घाडगी
जठसुं जावोनी बागाँ में भावज म्हारी ए
साथे ले जावो जाडो झुलरो

भाभी संग आई सखियाँ आई बागाँ माँई ओ
भाभी संग आई सखियाँ बागाँ रे माँई ओ
आय ने तेजा ने दीनो ओळबो सेहल्याँ  
आय ने तेजा ने दीनो ओळबो

कठे का कहिजो काँई नाम कँवरा थाको जी
किण रे आया ओ सिगरत प्रोमणा
नाम तेजो गाँव खणायो जात ढोल्या म्हारी हो
मुथा रायमल जी रे आयो पाँवणो

सुण तेजे री बात सहेल्याँ
दोडी घराने जाय
पेमल ने सब बात सुनाई
पेमल मन हर्षाय

घणा दिना री आश बाटाँ जोऊं भावज परण्या री
आज तो सोने रे सूरज उगियो
चालो भावज बागाँ मांही, रह्यो नहीं जावे हो
सूरत परण्या री म्हें तो देखश्या

कर सोळा श्रीणगार पेमल चाली बागाँ माहीं हो .. (२)
मन में उमावो गावे मोरियो ... (२)

काया काईं सोवे चुड़लो, हाथांमें हथफूल जी
पतळे कुळचा में कांकण दोरडा
चाले मद री चाल माथे बेवडले रो भार जी
डोकरसुं ठुकरावे गजबण घाघरो

परणे श्याम ने देखवारडी
हरखी मन रे म्हाय
उतावळी पग भरती पेमल
चाली घराने जाय

आया आया रायमलजी री पोळ कँवर तेजा रे
सासु-सुसरा ने मुजरो साधियो
दुआरी करतोड़ी सासु बोली कड़वा बोल रे
किण तो भड़काया चुगता बाछड़ा

काळ री खायोड़ा पाछो गिरजा बोल्या बोल रे ... (२)
चुंगता भिड़काया बाळक बाछड़ा ... (२)

आई ज्यूँही पाछी फिरजा ए लिलण म्हारी हो ... (२)
नुगरा री धरती पर वासो ना कराँ, आपाँ
नुगरा री धरती पर वासो ना कराँ

सासु रा बोल तेजा रे
लागा कळेजे बाण
उण धरती में ना रेवणो
जठे कोनी अपनो मान

करियो है गजब, अन्याय माता जरणी ए
आय परणे ने दीनो ओळबो
केतो म्हारे परणे ने मनाय माता जरणी ए
उबोड़ी नी पियु पाणी आँगणे

सासु केवे माफ़ करिजो, अणजाणे में बोली ओ ... (२)
कोड़ीला जमाई रुस्या ने सरे, म्हारा
कोड़ीला जमाई रुस्या ने सरे

धरती रो तो रंग मांडण म्हें हूँ परण्या म्हारा हो
दोरी रो रंग परण्यो सायबो
थोड़ी कईं जेज करोनी परण्या श्याम हो
परणी री प्रतिज्ञा सायब राख लो

पेमल मानावे पीव ने
मानो म्हारी बात
गोरी री सुण बात तेजोजी
रुकिया सासरे रात

खातिडा री मरीजो, नार पेमल गोरी हो
सारस की जोड़ी में ढोल्यो सांकडो
खातिडा को काईं है दोष सुणजो परण्या हो
बापु घडाया ऊँचा लुंपणा

दोय मना रो मिलणो आज सुणले पेमल गोरी हो ... (२)
नजरां सुं निरखो नी पेमल गोरड़ी, म्हाने
नजरां सुं निरखो नी पेमल गोरड़ी

पौढ जावो सुखभर नींद परण्या म्हारा हो
ओसिणे दे दूँ म्हें चुड़लो बाँह को
अरे चुडलिया में पड़ जाशी, मोच पेमल गोरी हो
काचोड़ा कुणचा में लडको जावशी

चुडले रो है राम रुखाळो
सुणजो पिवजी जात
घणा दिनासुं रात आई है
पिया मिलन री आज

ओळबिया में रात क्यूँ गमावो पेमल गोरी हो
जुठोड़ा जगडा में दिनडो उगशी
महेंदी म्हारे हाथ भर्यो है परण्या सायबा
दागो तो लागे धोळे धोतिए

सेजा सुतो सुखभरी, नींद कँवर तेजा हो ... (२)
जितरे गुजरकी आई रोवती ... (२)

कोई म्हारी सुन्ल्यो पुकार वीरा म्हारा हो
लान्छ्याँ गुजरी रोवे बारणे
गायां आ ले गया है मेणा वीरा म्हारा हो
सुनी तो कर गया म्हारी गोर ने

लान्छां री सुण विनती
बोल्या तेजोजी आय
गुजरी बोली शूर है
तो चड़ो गायां री वार

क्षत्री थारो धरम निभावो कँवर तेजा हो
गोर में अरडावे बाळक बाछड़ा
घर में थारे घोड़ी क्यूँ राखो कँवर तेजा हो
भाल ने तलवार सुं बोज्या क्यूँ मरो

लांछन मती ना लगाए लान्छां गुजरी ए  ... (२)
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा, लान्छां
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा

ठूट गयी है आज बात पनेर री ... (२)
शूरो होतो तो चढ़तो वार में, कोई
शूरो होतो तो चढ़तो वार में

लान्छां री सुण विनती
बोल्या तेजोजी आय
गुजरी बोली शूर है
तो चड़ो गायां री वार

क्षत्री थारो धरम निभावो कँवर तेजा हो
गोर में अरडावे बाळक बाछड़ा
घर में थारे घोड़ी क्यूँ राखो कँवर तेजा हो
भाल ने तलवार सुं बोज्या क्यूँ मरो

लांछन मती ना लगाए लान्छां गुजरी ए  ... (२)
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा, लान्छां
थारोड़ी गायां रे वारे म्हें चड़ा

ठूट गयी है आज बात पनेर री ... (२)
शूरो होतो तो चढ़तो वार में, कोई
शूरो होतो तो चढ़तो वार में

जिण कसाई लिलण अबी
पांचु सश्त्र लिया हाथ
गायां री वारां में चडियो
वीर तेजोजी जाट

दोय घडी डब जावो परण्या साथे चढ़सुं वार में
जघड़े री वेळ्या मैं घोड़ी कामसुं
अरे जघडा री जातत बुरी है, सुणले पेमल गोरी हो
शूरो जोजे ने कायर कांपशी

शूरो एकलो चढ़ गयो वारां में कँवर तेजा रे ... (२)
उगतडे परभाते तेजो चालियो ... (२)

गाँव पनेर री कांकड़ माथे लाय धधकती ज्वाला रे
बळतोड़ी अग्नि में देख्यो नाग जी
दया तो विचारी शूरे कष्ठ पावे ओ नाग जी
भाल रे फटकारे सुं बारे काडियो

बळती ल्हाय सुं नाग बचायो
जीव दया ने जाण
नाग देवता बोल्या तेजा
कियो गजब अन्याय

म्हारी देहा पर दाग लगायो, जातो स्वर्गाँ म्हाई ए
क्यूँ तो बचायो म्हाने आय ने
लाखिणी थारी जान बचाई, सुण ले वासंग राजा ए
गुण तो नी मान्यो, ओ गुण मानियो

स्वर्गाँ में जातोड़ो आज छुडायो कँवर तेजा रे ... (२)
म्हारे काळजिये उठी जाळ रे ... (२)

जीवन तो बचायो थारो, सुण ले वासंग राजा ए
दांडी छोड़े ने सरको दूर ने
केह्ला सुं हठ जावो दूरां, सुण लो वासंग राजा ओ
लिलण री टापाँ सुं किचर्यो जावशी

गर्व छतो क्यूँ बोले तेजा
कायर थूं मती जाण
गटको एक करूँ मैं थारो
ले लिलण ने साथ

गटके रो काईं करो, गुमान वासंग राजा ए
शूरो पुरो मरणे सुं न डरे
थारी सासु रो श्राप आडो फिरियो कँवर तेजा रे
थाने दंसुन्ला चिट्टू आंगळी

गुजरी री गायां फेरन लावुं वासंग राजा ओ ... (२)
आवुं बम्बी वचनों रे बांधियो, म्हें तो
आवुं बम्बी वचनों रे बांधियो

चाँद सूरज री साख में वचन देवुं वासंग राजा ए
खाँन्ड्या खेजड री देरावुं जामणी
बम्बी आई जूनो वेर चुकावूँ वासंग राजा ए
देवे वचन बेटो जाट को

जेहरी वेरी ने आदर दीनो
शूराँ री पाळी प्रीत
अमर आशीष है नाग री
होशी झघडा में जीत

भाखर घाटी ढाणी चाल्या, चाल्या कँवर तेजा रे
मीणा ललकार्या बेटे जाट के
तेजे री तलवार चमकी, भालो चलियो हाथ में
मेणा पड़िया पगाँ में आय ने

झघडा माँहि जीत करी, चाल्या कँवर तेजा रे ... (२)
गायां घेरे ने चाल्यो देश में, पाछो
गायां घेरे ने चाल्यो देश में

गिण गिण गायां, सँभाळो लान्छां गुजरी ए
गाम री छाया में मेलो बाछड़ा
लाया सारी गायां, लारे रह गयो काणो केरड़ो
सारा रा विनायक लारे छोड़ियो

सुण लान्छां री बात तेजो जी
पाछा गिरिया जाय
लिलण ने अब हुकम दिरायो
पाछी गेले चाल

आई ज्यूँही पाछी गीर जा ए लिलण म्हारी ए
लोहया री तिरसाई लान्छां गुजरी
मीणा ने ललकार्या पाछा, वीर कँवर तेजा रे
मचियो घमसाण रण में जोर को

बाणा सुं शरीर बिन्दिजियो कँवर तेजा रे ... (२)
लोहया सुं केसरियो जामो रंग गयो ... (२)

ओ ले थारो केरड़ो, सँभाळो लान्छां गुजरी ए
सारा म्हें सिरायत थारी दूध को
पेमल काईं भला ही पदारिया जीजा म्हारा ओ
गायां बिण रहती बिलखी गुजरी

आई ज्योंही पाछी फिर जा
लिलण ने बोल्या बोल
वचन निभाणे बम्बी चलश्यां
मती लगाजे जेज

पूरब रे जन्मां रो बेर चुकाणों लिलण म्हारी ए
कोल निभावे बेटो जाट को
नख दे नाग जगावो भोळी नागण ए
धोळ्यो घुमे है बम्बी नाग रे

आयो ज्योंही पाछो, गीर जाजे कँवर तेजा रे
अवतारी कहिजे कुळ में एकलो

वचन निभायो थे तो वीर कँवर तेजा रे ... (२)
जीव तो देवुं में थाने दान में, थारो
जीवन देवुं में थाने दान में

कायर मती जाण म्हाने, डस जा वासंग राजा ए
जेहरी वेरी रे आगे न झुके
म्हें तो म्हारो वचन निभायो वासंग राजा ए
कौल निभावो वासंग देवता

नाग देवता सुण तेजा री
बात में सूर्यो जोश
डंसवा ने तैयार हो गया
मन में करी कर सोच

थारी देहि सुं लोही टपके, सुणले कँवर तेजा रे
घावाँ उपर वासंग न डँसे
के तो म्हारी हथेल्या ने जीभ कंवारी म्हारी ए
कठे भी डस जावो वासंग देवता

धीन धरती, धीन मात-पिता है तेजा थारा .. (२)
धीन धोर्याधर जामो पावियो, थे तो
धीन धोर्याधर जामो पावियो

काळ्यो हो धोळ्या रो बैरी, आज जुगाँ सुं तेजा रे
काळ्यो हार्यो ने धोळ्यो जीतियो
तेजो नहीं थू शूरो है कोई, बात सुण ले म्हारी ए
देवे वरदान वासंग देवता

कुळ रो थुं कुळ देव बणेला
पूजा घर घर म्हायं
हळोतिये ने करे थारी पूजा
पान लागो छड जाय

अमर आशीष आ म्हारी कँवर तेजा रे
जुग में अमर वेला नाम जी
धीन धीन तो शूराँ री जाई, मरूधर जन्मी वीर की
वारी वारी ओ तेजा जाट ने

रणी बनी ने आशु देवाशी, बकरिया चरावे रे ... (२)
तेजे रबारी ने हेलो मारियो ... (२)

अबकी माँहि काम आवे तो भाई जाणु वीरे ए
म्हारोड़ा समचार सासरिये देवजो
जनम जनम रो बेर चुकायो, डसिया वासंग राजा ए
मोळियो पेमल ने करजे पूगतो

शूरवीर तेजा री गाथा
अमर चारों देश म्हांय
शूरा शूरापो जागशी
मारवाड़ रे म्हाय

सासु-सुसरा ने दिजो राम जवार्यां म्हारी ए
देजे पेमल ने मेमल मोळियो
निजरियाँ सुं देखी दिशी कहिदिजे पेमल गोरी ने
घडी पळक रो तेजो पाँवणो

रोवती लिलण ने बोल्या बोल्या कँवर तेजा रे ... (२)
साचोड़ा समचार बोले ने केवजे, लिलण
साचोड़ा समचार बोले ने केवजे

काका भाभा ने कहिजे परणाम हाथ जोड़ म्हारा
भाई भोजाई ने कहिजे नींवणो
बाई राजल ने धीरज, दीजो लिलण म्हारी ए
बेनड़ सुं बिछोड़ो संवरे घालियो

दे भलामण लिलण ने
तेजो बोल्यो बोल
डस ल्यो म्हाने वासंग राजा
थारो पुरो कीनो कौल

जीभड़ल्या डंख, भरो नी वासंग राजा ए
लिलण के ठाणे घालो बेसणो
नाग देवता उपर चडिया, ठाणे घाल्यो बेसणो
झपटो तो मार्यो वासंग देवता

अमरापुर चाल्यो है हंसलो परदेशी बण पाँवणो ... (२)
झड गया फूलडा ने रेह गई वासना ... (२)

तेजो जेड़ो वीर जायो वा जननी महान है
एडो शूरो दुनिया में न मिले
पाळी पाळी वचना री प्रीत कँवर तेजा रे
जुग में सवायो हो ग्यो भोमियो

अमर नाम तेजोजी जुग में, गावे घर घर गीत जी
मरूधर धरती में हो ग्यो नाम जी ... (२)
बणियो बणियो नागाणा खरनाल मोटो धाम जी
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे

दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे
दिवला री ज्योताँ जगमग जागती, तेजोजी रे

Thursday, February 4, 2010

મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે, શામળા ગિરધારી

મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે, શામળા ગિરધારી
મારી હૂંડી શામળિયાને હાથ રે , શામળા ગિરધારી

રાણાજીએ રઢ કરી, વળી મીરા કેરે કાજ
ઝેરના પ્યાલા મોકલ્યાં રે, વ્હાલો ઝેરના જારણહાર રે
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

સ્થંભ થકી પ્રભુ પ્રગટીયા, વળી ધરિયાં નરસિંહ રૂપ
પ્રહલાદને ઉગારિયો રે, વ્હાલે માર્યો હરણાકંસ ભૂપ રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

ગજને વ્હાલે ઉગારિયો, વળી સુદામાની ભાંગી ભૂખ
સાચી વેળાના મારા વ્હાલમા રે, તમે ભક્તોને આપ્યાં ઘણાં સુખ રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

પાંડવની પ્રતિજ્ઞા પાળી, વળી દ્રૌપદીનાં પૂર્યાં ચીર,
નરસિંહ મહેતાની હૂંડી સ્વીકારજો રે, તમે સુભદ્રાબાઈના વીર રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

ચાર જણા તીરથવાસી ને, વળી રૂપિયા સો સાત,
વહેલા પધારજો દ્વારિકા રે, એને ગોમતી નાહ્યાની ખાંત રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

રહેવાને નથી ઝૂંપડું, વળી જમવા નથી જુવાર,
બેટો બેટી વળાવિયાં રે, મેં તો વળાવી ઘર કેરી નાર રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

ગરથ મારું ગોપીચંદન, વળી તુલસી હેમનો હાર,
સાચું નાણું મારો શામળો રે, મારે દોલતમાં ઝાંઝપખાજ રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

તીરથવાસી સૌ ચાલિયા, વળી આવ્યા નગરની માંહ્ય,
આ શહેરમાં એવું કોણ છે રે, જેનું શામળશા એવું નામ
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

નથી બ્રાહ્મણ નથી વાણિયો, નથી ચારણ નથી ભાટ,
લોક કરે ઠેકડી, નથી શામળશા શેઠ એવું નામ રે
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

તીરથવાસી સૌ ચાલીયા, વળી આવ્યા નગરની બહાર,
વેશ લીધો વણિકનો રે, મારું શામળશા શેઠ એવું નામ રે
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

હૂંડી લાવો હાથમાં, વળી આપું પૂરા દામ,
રૂપિયા આપું રોકડા રે, મારું શામળશા એવું નામ રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે

હુંડી સ્વીકારી વ્હાલે શામળે, વળી અરજે કીધા કામ
મહેતાજી ફરી લખજો, મુજ વાણોતર સરખાં કાજ રે;
શામળા ગિરધારી ! મારી હૂંડી સ્વીકારો મહારાજ રે
                                          --નરસિંહ મેહતા

Thursday, January 28, 2010

કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી
હો એક રે ગાયનાં દો-દો વાછરું
લખ્યાં એનાં જુદાં જુદાં લેખ
એક રે બન્યો શિવજીનો પોઠિયો
બીજો ઘાંચીડાને ઘેર

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે માતાનાં દો-દો દીકરા
લખ્યાં એનાં જુદાં જુદાં લેખ
એકને માથે રે છત્તર બિરાજે
બીજો ભારા વેચી ખાય

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે માટીનાં દો-દો મોરિયા
લખ્યાં એનાં જુદાં જુદાં લેખ
એક રે મોરિયો શિવજીની ગળતી
બીજો મસાણે મૂકાય

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે પત્થરનાં દો-દો ટુકડા
લખ્યાં એનાં જુદાં જુદાં લેખ
એક રે બન્યો શિવજીની મૂર્તિ
બીજો ગંગાજીને ઘાટ

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે વેલાના દો દો તુંબડાં
લખ્યાં એનાં જુદા જુદા લેખ
એક રે તુંબડું સાધુના હાથમાં
બીજું રાવળિયાને ઘેર

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે વાંસની દો દો વાંસળી
લખ્યાં એનાં જુદા જુદા લેખ
એક રે વાંસળી કાનકુંવરની
બીજી વાગે વાદીડાને રે ઘેર

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હો એક રે માતને દો દો બેટડા
લખ્યાં એના જુદા જુદા લેખ
એક રે બેટો ચોરાશી ધૂણી તપે
બીજો લખચોરાશી માંહ્ય

હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

હે જી રોહીદાસ ચરણે મીરાંબાઈ બોલીયા
દેજો અમને સંત ચરણે વાસ
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, રાણા મારું કોઈ નથી
હે જી રે કર્મનો સંગાથી, હરિ વિણ કોઈ નથી

                             - મીરાંબાઈ

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી
મારુ મનડું છે ગોકુળ વનરાવન
મારા તનના આંગણિયામાં તુલસીનાં વન
મારા પ્રાણ જીવન

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

મારા આતમના આંગણે શ્રીમહાકૃષ્ણજી
મારી આંખો દીસે ગિરિધારી રે ધારી
મારુ તન મન ગયું છે જેને વારી રે વારી
હે મારા શ્યામ મુરારિ

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

હે મારા પ્રાણ થકી મને વૈષ્ણવ વ્હાલા
નિત્ય કરતા શ્રીનાથજીને કાલા રે વાલા
મેં તો વલ્લભ પ્રભુજીનાં કીધાં છે દર્શન
મારું મોહી લીધું મન

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

હું તો નિત્ય વિઠ્ઠલ વરની સેવા રે કરું
હું તો આઠે સમા કેરી ઝાંખી રે કરું
મેં તો ચિતડું શ્રીનાથજીને ચરણે ધર્યું
જીવન સફળ કર્યું

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

મેં તો પુષ્ટિ રે મારગ કેરો સંગ રે સાધ્યો
મને ધોળ કિર્તન કેરો રંગ રે લાગ્યો
મેં તો લાલાની લાલી કેરો રંગ રે માંગ્યો
હીરલો હાથ લાગ્યો

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

આવો જીવનમાં લ્હાવો ફરી કદી ના મળે
વારે વારે માનવદેહ ફરી ન મળે
ફેરો લખ રે ચોર્યાસીનો મારો રે ફળે
મને મોહન મળે

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

મારી અંત સમય કેરી સુણો રે અરજી
લેજો શરણોમાં શ્રીજીબાવા દયા રે કરી
મને તેડાં રે યમ કેરાં કદી ન આવે
મારો નાથ તેડાવે

મારા ઘટમાં બિરાજતા શ્રીનાથજી, યમુનાજી, મહાપ્રભુજી

हेली म्हारी निर्भय रहीजे

दुनियादारी औगणकारी जाने भेद मत दईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२) 
दुनियादारी औगणकारी जाने भेद मत दईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२) 

इण काया में अष्ट कमल हैं ... इण काया में
हो ओ इण काया में अष्ट कमल ज्योरी निंगे कराइजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
सत संगत में ए ए ... सत संगत
सत संगत में बैठ सुहागण ... (२)
साच कमाइजे ए ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

धन में गरीबी मन में फकीरी .... धन में गरीबी
हो ओ धन में गरीबी मन में फकीरी दया भावना राखिजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
ज्ञान झरोखे ए ए ... ज्ञान झरोखे
ज्ञान झरोखे बैठ सुहागण ...(२)
झालो दईजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

त्रिवेणी घर, तीन पदमणी ... त्रिवेणी घर
हो ओ त्रिवेणी घर, तीन पदमणी उने जाए बतालाईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
सत बाण पर अ अ ... सत बाण पर
सत बाण पर बैठ सुहागण ... (२)
सीधी आईजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

हरी चरणों में शीश झुकाईजे... हरी चरणों में
हो ओ हरी चरणों में शीश झुकाईजे गुरु वचनों में रहीजे ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
कहेत कबीर सुणों भाई साधू ...(२)
शीतल होइजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

Wednesday, January 27, 2010

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ
નહિતર અચાનક અંઘારા થાશે
જોતજોતાંમાં દિવસ વયા ગયા પાનબાઇ
એકવીસ હજાર છસોને કાળ ખાશે

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ
નહિતર અચાનક અંઘારા થાશે

ભાઇ રે ! જાણ્યા જેવી આ તો અજાણ છે પાનબાઇ
આ તો અધૂરિયાને નો કે’વાય
આ ગુપત રસનો ખેલ છે અટપટો
આંટી મેલો તો પૂરણ સમજાય

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ
નહિતર અચાનક અંઘારા થાશે

ભાઇ રે ! નિરમળ થૈને આવો મેદાનમાં પાનબાઇ
જાણી લિયો જીવની જાત
સજાતિ વિજાતિની જુગતિ બતાવું ને
બીબે પાડી દઉં બીજી ભાત

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ
નહિતર અચાનક અંઘારા થાશે

ભાઇ રે ! પિંડ બ્રહ્માંડ્થી પર છે ગુરુ પાનબાઇ
તેનો દેખાડું હું તમને દેશ
ગંગા રે સતી એમ બોલિયાં રે
ત્યાં નહિ માયાનો જરીયે લેશ

વીજળીને ચમકારે મોતી પરોવવું પાનબાઇ
નહિતર અચાનક અંઘારા થાશે

                                   -ગંગાસતી

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે
વિપત્તિ પડે તોય વણસે નહીં
સોઈ હરિજનનાં પ્રમાણ રે

ચિત્તની વૃતિ જેની સદાય નિરમળ પાનબાઈ
ને કોઈની નહિ કરે આશ રે
દાન દેવે પણ રહે અજાસી
રાખે વચનમાં વિશ્વાસ રે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે

હરખ ને શોકની આવે નહી હેડકી પાનબાઈ
આઠ પહોર રહે આનંદી રે
નિત્ય રે નાચે સત્સંગમાં ને
તોડે માયા કેરા ફંદ રે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે

તન મન ધન જેણે પ્રભુને સમર્પ્યાં રે પાનબાઈ
તે નામ નિજારી નર ને નાર રે
એકાંતે બેસીને આરાધના માંડે તો
અલખ પધારે એને દ્વાર રે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે

સતગુરુ વચનમાં શૂરા થઈ ચાલે,
શીશ તો કર્યાં કુરબાન રે
સંકલ્પ વિકલ્પ એકે નહિ ઉરમાં,
જેણે મેલ્યાં અંતરનાં માન રે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે

સંગત કરો તો તમે એવાની કરજો,
જે ભજનમાં રહે ભરપુર રે
ગંગા સતી એમ બોલિયાં
જેને નેણ તે વરસે ઝાઝાં નૂર  રે

મેરુ તો ડગે પણ જેનાં મન ના ડગે રે પાનબાઈ
ભલે ભાંગી પડે રે બ્રહ્માંડ રે

                               --ગંગાસતી

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ
મેલવું અંતરનું અભિમાન રે,
સતગુરુ ચરણમાં શીશ રે નમાવી
કર જોડી લાગવું પાય રે ....

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ
મેલવું અંતરનું અભિમાન રે

જાતિપણું છોડીને અજાતિ થાવું ને
કાઢવો વર્ણ વિકાર રે,
જાતિ ને ભ્રાંતિ નહીં હરિ કેરા દેશમાં
એવી રીતે રહેવું નિરમાણ રે

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ
મેલવું અંતરનું અભિમાન રે

પારકાનાં અવગુણ કોઈના જુએ નહીં,
એને કહીએ હરિ કેરા દાસ રે,
આશા ને તૃષ્ણા નહીં એકેય જેના ઉરમાં રે
એનો દૃઢ રે કરવો વિશ્વાસ રે

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ
મેલવું અંતરનું અભિમાન રે

ભક્તિ કરો તો એવી રીતે કરજો પાનબાઈ
રાખજો વચનમાં વિશ્વાસ રે,
ગંગા સતી એમ બોલિયા રે પાનબાઈ
હરિજન હરિ કેરા દાસ રે

ભક્તિ રે કરવી એણે રાંક થઈને રહેવું પાનબાઈ
મેલવું અંતરનું અભિમાન રે

                 -- ગંગા સતી

જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

જળકમળ છાંડી જાને બાળા, સ્વામી અમારો જાગશે
જાગશે, તને મારશે, મને બાળ હત્યા લાગશે
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

કહે રે બાળક તું મારગ ભૂલ્યો, કે તારા વેરીએ વળાવિયો
નિશ્ચે તારો કાળજ ખૂટ્યો, અહીંયા તે શીદ આવિયો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

નથી નાગણ હું મારગ ભૂલ્યો, નથી મારા વેરીએ વળાવિયો
મથુરા નગરીમાં જુગટુ રમતાં, નાગનું શીશ હું હારિયો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

રંગે રૂડો રૂપે પૂરો, દિસંતો કોડીલો કોડામણો,
તારી માતાએ કેટલા જનમ્યાં, તેમાં તું અળખામણો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

મારી માતાએ બેઉ જનમ્યાં, તેમાં હું નટવર નાનડો
જગાડ તારા નાગને, મારું નામ કૃષ્ણ કાનુડો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

લાખ સવાનો મારો હાર આપું, આપું રે તુજને દોરીઓ
એટલું મારા નાગથી છાનું આપું, કરીને તુજને ચોરીઓ
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

શું કરું નાગણ હાર તારો, શું કરું તારો દોરીઓ
શાને કાજે નાગણ તારે, કરવી ઘરમાં ચોરીઓ
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

ચરણ ચાંપી મૂછ મરડી, નાગણે નાગ જગાડિયો,
ઉઠોને બળવંત કોઈ, બારણે બાળક આવિયો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

બેઉ બળિયા બાથે વળગિયા, શ્રીકૃષ્ણે કાળીનાગ નાથિયો
સહસ્ત્ર ફેણાં ફુંફવે જેમ, ગગન ગાજે હાથિયો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

નાગણ સૌ વિલાપ કરે છે, નાગને બહુ દુઃખ આપશે
મથુરા નગરીમાં લઈ જશે, પછી નાગનું શીશ કાપશે
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

બેઉ કર જોડી વીનવે, સ્વામી ! મૂકો અમારા કંથને
અમે અપરાધી કાંઈ ન સમજ્યાં, ન ઓળખ્યાં ભગવંતને
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

થાળ ભરીને શગ મોતીડે, શ્રીકૃષ્ણને રે વધાવિયો
નરસૈંયાના નાથ પાસેથી, નાગણે નાગ છોડાવિયો
હે જળકમળ છાંડી જાણે બાળા

- નરસિંહ મહેતા

મેં તો રંગ્યો હતો એને દલડા ની સંગ, મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ

મેં તો રંગ્યો હતો એને દલડા ની સંગ ... (૨)
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)
મેં તો રંગ્યો હતો એને દલડા ની સંગ ... (૨)
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)

રંગ તો એવો જાલિમ જાણે ચમક તે ચમકીલો હો હો
રંગ તો એવો જાલિમ જાણે ચમક તે ચમકીલો
ક્યાંક થી લાવ્યો પાતાળ ભેદી નાગણનો ડંખેલો હો હો
ક્યાંક થી લાવ્યો પાતાળ ભેદી નાગણનો ડંખેલો
હે એના ઝેર ની ઝાપટ લાગી મુને ફૂટ્યો અંગે અંગ
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)

મેં તો રંગ્યો હતો એને દલડા ની સંગ ... (૨)
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)

રંગ ની ઉપર રંગ ચડે તે મૂળ નો તો રંગ ધોળો હો
રંગ ની ઉપર રંગ ચડે તે મૂળ નો તો રંગ ધોળો
સાયબો મારો દિલ નો જાણે શિવજી ભોળો ભોળો હો
સાયબો મારો દિલ નો જાણે શિવજી ભોળો ભોળો
હે કોઈ ભીલડીએ એને ભરમાવી એના તાપ નો કર્યો ભંગ
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)

મેં તો રંગ્યો હતો એને દલડા ની સંગ ... (૨)
મારા સાયબા ની પાઘડીયે લાગ્યો કોઈ જુદો રંગ ... (૨)

Saturday, January 23, 2010

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय |
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय ||
अरे चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||

हंस सवारी कर जगदम्बा ब्रह्मा रो रूप बणायो |
हो ओ ओ हंस सवारी कर जगदम्बा ब्रह्मा रूप बणायो ||
अरे हंस सवारी कर जगदम्बा ब्रह्मा रो रूप बणायो |
हो ओ ओ हंस सवारी कर जगदम्बा ब्रह्मा रो रूप बणायो ||
ब्रह्मा रो रूप बणायो भवानी, ब्रह्मा रो रूप बणायो |
ब्रह्मा रो रूप बणायो भवानी, ब्रह्मा रूप बणायो ||
चार वेद मुख चार बिराजे ... (२)
चारां रो जस गायो

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय |
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय ||
अरे चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ओ देवी रे देवळिए रम जाय, भवानी रे मंदर में रम जाय ||

गरुड़ सवारी कर जगदम्बा विष्णु रूप बणायो |
हो ओ ओ गरुड़ सवारी कर जगदम्बा विष्णु रूप बणायो ||
अरे गरुड़ सवारी कर जगदम्बा विष्णु रो रूप बणायो |
हो ओ ओ गरुड़ सवारी कर जगदम्बा विष्णु रो रूप बणायो ||
विष्णु रो रूप बणायो भवानी विष्णु रो रूप बणायो |
विष्णु रो रूप बणायो जगदम्बा विष्णु रो रूप बणायो ||
गदा पद्म शंख चक्र बिराजे ... (२)
मधुवन ढेल बजायो

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ओ घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय |
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय ||
अरे घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ए चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||

बैल सवारी कर जगदम्बा, शिवजी रो रूप बणायो |
हो ओ ओ बैल सवारी कर जगदम्बा, शिव रो रूप बणायो ||
ए बैल सवारी कर जगदम्बा, शिवजी रो रूप बणायो |
अरे बैल सवारी कर ने भवानी, शिवजी रो रूप बणायो ||
शिवजी रो रूप बणायो भवानी, शिवधर रूप बणायो |
शिवजी रो रूप बणायो जगदम्बा, शिव रो रूप बणायो ||
जटा मुकुट में गंगा बिराजे ... (२)
शेषनाग लिपटायो

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ए घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय |
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय ||
अरे घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ए देवी रे देवळिए रम जाय, भवानी रे मंदर में रम जाय ||

ओ सिंह सवारी कर जगदम्बा शक्ति रो रूप बणायो |
अरे सिंह सवारी कर जगदम्बा शक्ति रो रूप बणायो ||
अरे सिंह सवारी कर जगदम्बा शक्ति रो रूप बणायो |
हो ओ ओ सिंह सवारी कर जगदम्बा शक्ति रो रूप बणायो ||
शक्ति रो रूप बणायो भवानी, शक्ति रूप बणायो |
शक्ति रो रूप बणायो जगदम्बा, शक्ति रूप बणायो |
सियाराम थारी करे स्तुति .... (२)
भक्तजन जस गायो

चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
ए घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय |
हो ओ ओ देवळिए रम जाय माईं रे मन्दरिये रम जाय ||
अरे चौसठ जोगणी ए देवी रे देवळिए रम जाय |
घूमर घालणी ए देवी रे देवळिए रम जाय ||

Friday, January 22, 2010

सतजुगों रा बेटा शरवन

अरे सतजुगों रा बेटा शरवन, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
माँ-बाप री कावड़ लेने गंगाजी गया आ आ आ
अरे सतजुगों रा बेटा शरवन, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
माँ-बाप री कावड़ लेने गंगाजी गया आ आ आ

आजकाल रा छोरा संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
परणी नार ने लेने वे तो न्यारा रे हुआ आ आ आ
आजकाल रा छोरा संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
परणी नार ने लेने वे तो न्यारा रे हुआ आ आ आ

अरे मारागारों ने शीरा लापसी, मारागारों ने शीरा लापसी
घर में खाटी छाश संतो, घर में खाटी छाश |
2 lines I Didn't understand it fully

अरे सतजुगों रा बेटा शरवन, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
माँ-बाप री कावड़ लेने गंगाजी गया आ आ आ

अरे सतजुगो रा साधू संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
हरी भजन रे कारणे, अन्न-धान छोड़ दिया
अरे हरी भजन रे कारणे, अन्न-धान छोड़ दिया आ आ आ
अरे सतजुगो रा साधू संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
हरी भजन रे कारणे, अन्न-धान छोड़ दिया आ आ आ

अरे सतजुगों रा बेटा शरवन, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
माँ-बाप री कावड़ लेने गंगाजी गया आ आ आ

अरे आजकाल रा झूठा साधू, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
तिलक लगावे, भगवा पहरे, दारु पीवे मुआ
तिलक लगावे, भगवा पहरे, दारु पीवे मुआ आ आ आ
अरे आजकाल रा झूठा साधू, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
तिलक लगावे, भगवा पहरे, दारु पीवे मुआ आ आ आ

अरे सतजुगों रा बेटा शरवन, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
माँ-बाप री कावड़ लेने गंगाजी गया आ आ आ

अरे आजकाल रा चेला रे संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
अरे गुरूजी री गादी लेने गंगाजी गया आ आ आ
अरे आजकाल रा चेला रे संतो, एडा तो हुआ रे संतो
एडा तो हुआ
अरे गुरूजी री गादी लेने गंगाजी गया आ आ आ

Thursday, January 21, 2010

नर रे नारायण री देह बणाई | अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||

नर रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नर रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
उणका संग मत करना जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
अरे उणका संग मत करना जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

अरे नर रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नर रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
उणका संग मत करना जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
अरे उणका संग मत करना जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

अरे
अडारे वरण री गायों रे दोरावु |
ओ एक वार दन में लेवणा जी ||
अडारे वरण री गायों रे दोरावु |
ओ एक वार दन में लेवणा जी ||
मथे मथे ने माखन लेणा |
ओ वर्तन उजला रखना जी ||
मथे मथे ने माखन लेणा |
ओ वर्तन उजला रखना जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

अरे अगलो रे आवे अगन स्वरूपी |
अरे जल स्वरूपी रेवणा जी ||
अगलो रे आवे अगन स्वरूपी |
अरे जल स्वरूपी रेवणा जी ||
जाणु रे आगे अजाणु रेवणा |
सुण सुण वचन बोलणा जी ||
जाणु रे आगे अजाणु रेवणा |
सुण सुण वचन बोलणा जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे ||
हरी रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

अरे काशी नगर में रेहता कबीर सा |
वे कोरा काजा भणता जी ||
काशी रे नगर में रेहता रे कबीर सा |
वे कोरा काजा भणता जी ||
सारा संसारिया में धरम चलायो |
वे निर्गुण माला फेरता जी ||
सारा संसारिया में धरम चलायो |
वे निर्गुण माला फेरता जी ||

राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

इण संसारिया में आवणों - जावणो |
अरे बैर किसीसे मत रखना जी ||
इण संसारिया में आवणों - जावणो |
अरे बैर किसीसे मत रखना जी ||
केवे कमाल कबीर सा री लड़की |
अरे फेर जनम नहीं लेवना जी ||
केवे कमाल कबीर सा री लड़की |
अरे फेर जनम नहीं लेवना जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

नर
रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नर रे नारायण री देह बणाई |
अरे नुगरा मत कोई रेवणा जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
उणका संग मत करना जी ||
नुगरा मनक तो पशु रे बराबर |
अरे उणका संग मत करना जी ||
राम रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे ||

हरी रे भजन मैं हाल मेरा हंसा |
इण जग में जीवणा थोडा रे हा हा हा ||

मायड़ थारो वो पुत कठे?,वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?,वो महाराणा प्रताप कठे?

हळदीघाटी में समर में लड़यो, वो चेतक रो असवार कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?, वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?, वो महाराणा प्रताप कठे?

मैं बाचों है इतिहासां में, मायड़ थे एड़ा पुत जण्या,
अन-बान लजायो नी थारो, रणधीरा वी सरदार बण्या,
बेरीया रा वरसु बादिळा सारा पड ग्या ऊण रे आगे,
वो झुक्यो नही नर नाहरियो, हिन्दवा सुरज मेवाड़ रतन

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

ये माटी हळदीघाटी री लागे केसर और चंदन है,
माथा पर तिलक करो इण रो इण माटी ने निज वंदन है.
या रणभूमि तीरथ भूमि, दर्शन करवा मन ललचावे.
उण वीर-सुरमा री यादा हिवड़ा में जोश जगा जावे.
उण स्वामी भक्त चेतक री टापा, टप-टप री आवाज कठे?

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

संकट रा दन देख्या जतरा, वे आज कुण देख पावेला,
राणा रा बेटा-बेटी न, रोटी घास री खावेला
ले संकट ने वरदान समझ, वो आजादी को रखवारो,
मेवाड़ भौम री पति राखण ने, कदै भले झुकवारो,
चरणा में धन रो ढेर कियो, दानी भामाशाह आज कठे?

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

भाई शक्ति बेरिया सूं मिल, भाई सूं लड़वा ने आयो,
राणा रो भायड़ प्रेम देख, शक्ति सिंग भी हे शरमायों,
औ नीला घोड़ा रा असवार, थे रुक जावो-थे रुक जावो
चरणा में आई प़डियो शक्ति, बोल्यो मैं होकर पछतायो.
वो गळे मिल्या भाई-भाई, जूं राम-भरत रो मिलन अठे.

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो महाराणा प्रताप कठे?, वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?

वट-वृक्ष पुराणॊं बोल्यो यो, सुण लो जावा वारा भाई
राणा रा किमज धरया तन पे, झाला मन्ना री नरवारी
भाळो राणा रो काहे चमक्यो, आँखां में बिजली कड़काई,
ई रगत-खळगता नाळा सूं, या धरती रगत री कहळाई
यो दरश देख अभिमानी रो जगती में अस्यों मनख कठे?

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

हळदीघाटी रे किला सूं शिव-पार्वती रण देख रिया
मेवाड़ी वीरा री ताकत, अपनी निजरिया में तौल रिया.
बोल्या शिवजी-सुण पार्वती मेवाड़ भौम री बलिहारी
जो आछा करम करे जग में, वो अठे जनम ले नर-नारी.
मूं श्याम एकलिंग रूप धरी सदियां सूं बैठो भला अठे.

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

मानवता रो धरम निभायो है, भैदभाव नी जाण्यो है
सेनानायक सूरी हकीम यू राणा रो ……….चुकायो हे
अरे जात-पात और ऊंच-नीच री बात अया ने नी भायी ही
अणी वास्ते राणा री प्रभुता जग ने दरशाई ही
वो सम्प्रदाय सदभाव री मिले है मिसाल आज अठे.

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

कुम्भलगढ़, गोगुन्दा, चावण्ड, हळदीघाटी ओर कोल्यारी
मेवाड़ भौम रा तीरथ है, राणा प्रताप री बलिहारी,
हे हरिद्वार, काशी, मथुरा, पुष्कर, गलता में स्नान करा,
सब तीरथा रा फल मिल जावे मेवाड़ भौम में जद विचरां.
कवि “माधव" नमन करे शत-शत, मोती मगरी पर आज अठे.

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

अरे आज देश री सीमा पर संकट रा बादळ मंडराया,
ये पाकिस्तानी घुसपेठीया, भारत सीमा में घुस आया,
भारत रा वीर जवाना थे, याने यो सबक सिखा दिजो,
थे हो प्रताप रा ही वंशज, याने यो आज बता दिजो,
यो काशमीर भारत रो है, कुण आज आंख दिखावे आज अठे.

मायड़ थारो वो पुत कठे? वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?

लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

ओह हो, ओह हो हो
ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले
लालण - २
सिंदरी दा सेहवन दा सखी शाहबाज़ कलंदर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर
ओ लाल मेरी, ओ लाल मेरी

चार चराग तेरे बलण हमेशा - ३
पंजवा मैं बा
लण आई बला झूले लालण
ओ पंजवा मैं बाल

ओ पंजवा मैं बाल आई बला झूले लालण
सिंदरी दा सेहवन दा सखी शाहबाज़ कलंदर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर
ओ लाल मेरी, ओ लाल मेरी

हिंद सिंद पीरा तेरी नौबत बाजे - ३
नाल बाजे घड़ियाल बला झूले लालण
ओ नाल बाजे
ओ नाल बाजे घड़ियाल बला झूले लालण
सिंदरी दा सेहवन दा सखी शाहबाज़ कलंदर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर
ओ लाल मेरी, ओ लाल मेरी

हर दम पीरा तेरी खैर होवे - ३
नाम-ए-अली बेडा पार लगा झूले लालण
ओ नाम-ए-अली
ओ नाम-ए-अली बेडा पार लगा झूले लालण
सिंदरी दा सेहवन दा सखी शाहबाज़ कलंदर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर


ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
सिंदरी दा सेहवन दा सखी शाहबाज़ कलंदर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दम दम दे अन्दर
दमा-दम मस्त कलंदर, अली दा पहला नंबर