Friday, August 5, 2011

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या


पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए अनुभव सूज-बुज, सतगुरु से
त्याग जगत री बाट हो हो ओ ओ हो
हे ए ए ए अनुभव सूज-बुज, सतगुरु से
त्याग जगत री बाट हो हो ओ ओ हो

विवेक वैराग सम दम शरदा {२}
काम कलप ना काट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए ए अगम अगोचर देश दीवाना
अविद्या नहीं रे उलाट हो हो ओ ओ हो 
हे ए ए ए ए अगम अगोचर देश दीवाना
अविद्या नहीं रे उलाट हो हो ओ ओ हो 

नेत्र विवेक खुल्या घट भीतर
नैन विवेक खुल्या घट भीतर
देखे अनहद ठाठ फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए बंका राय, बेगमगढ़ चढ़वे  
कायर जावे नाट हो हो ओ ओ हो
हे ए ए ए बंका राय, बेगमगढ़ चढ़वे  
कायर जावे नाट हो हो ओ ओ हो
शूरा संत शिखर गढ़ चढ़िया {२} 
दोष करम सब काट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी


कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

हे ए ए ए ए चद्दर सन छत्तीस पाखंड
लग रही खेंचाताण हो ओ ओ ओ हो ओ
हे ए ए ए ए चद्दर सन छत्तीस पाखंड
लग रही खेंचाताण हो ओ ओ ओ हो ओ
उलट पड़े इण युद्ध रे माहीं  {२}
जद पावे परवोण फकीरी  {२}
गजला ही नैना ताण 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

हे ए ए ए ए शीश काट लड़े कोई शूरा 
धड़ सुं जुंजे आण हो हो ओ ओ हो ओ
हे ए ए ए ए शीश काट लड़े कोई शूरा 
धड़ सुं जुजे आण हो हो ओ ओ हो ओ
आठों पहर में सोळवां गावे {२}
जद पहोंचे परवोण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

हे ए ए ए ए अनंत कोट साधू जनता पे
नव नाथन के जाण हो हो ओ ओ हो
हे ए ए ए ए अनंत कोट साधू जनता पे
नव नाथन के जाण हो हो ओ ओ हो
शूरा ताप सहे इण तपकी {२}
कायर तज दे प्राण फकीरी {२} 
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

हे ए ए ए अगम निगम दो वाणी जग में 
उभी करे रे वखाण हो हो ओ ओ ओ हो
हे ए ए ए अगम निगम दो वाणी जग में 
उभी करे रे वखाण हो हो ओ ओ ओ हो 
राजा परजा दर्शन आवें  {२}
धन जोड़ी थारो जाण फकीरी {२} 
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

हे ए ए ए ए ब्रह्म मिलण रा पता लिखाया
दिल विच उगा भोण हो हो ओ ओ ओ हो
हे ए ए ए ए पार ब्रह्म रा पता लिखाया
दिल विच उगा भोण हो हो ओ ओ ओ हो
हरी राम वैरागी बोले {२}
सतगुरु मिलिया रे सुजाण फकीरी {२} 
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

कर लेना निज छाँण फकीरी  {२}
जीवत धुके रे मसाण रे हा आ हा हा हा 

Tuesday, August 2, 2011

लोक लाज सब खोय फकीरी, निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हे हे ए ए ए हे

हे ए ए ए अम्बर ओढ़ण भूमी पथारणा, बिज मसाणा सो हो हो हो ओ होय {२}
भूत पालित की शंका ना राखे {२}
जीवत मुर्दा होय फकीरी {२ }
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए बिसत मुर्दा है वो चेतन, जाण सके ना कोय हो हो हो ओ होय {२}
उनकी गत को वोही जाणे {२}
नहीं हँसे नहीं रोय फकीरी {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए आवत जावत श्वाश जकोळा, हरदम हिरदा दो ओ ओ हो हो ओ होय {२}
उड़-कपट रा संशय मेट्या, उड़-कपट रा धागा मेट्या
भरम रह्य नहीं कोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए ए समदृष्टि दीदार भेट्या, अगम अगोचर जो ओ ओ हो हो होय {२}
कर्म अतित फिरे रे जग माहीं {२} 
कर्म रह्या नहीं कोई फकीरी {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए ए पार ब्रह्म रा दर्शन पाया, सूरत सोऽहं में पो ओ ओ ओ ओहो हो होय {२}
गोपेश्वर अज्नेश्वर शरने {२}
जन्म-मरण नहीं होय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

Monday, August 1, 2011

गोड़े तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे

गोड़े तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

ओ ले पकड़ ले म्हारो हाथ रे थुं जेसल राजा
वारी ओ जेसल राजा
कोनी डूबण दूँ पग री मोजड़ी रे ए ए जी इ इ इ हो जी

गोड़े तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

कड़ियाँ तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

कियोड़ा पाप परखाओ नी जेसल राजा 
वारी ओ जेसल राजा
कोनी डूबण दूँ पग री मोजड़ी रे ए ए जी इ इ इ हो जी

तोड़ी सरवरिया वाळी पाळ रे तोलांदे राणी रे 
वाह री तोलांदे राणी  
चुगता मोरिया ने मारियो रे ए जी इ इ इ हो जी 
 
छाती तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

कियोड़ा पाप परखाओ नी जेसल राजा 
वारी ओ जेसल राजा
कोनी डूबण दूँ पग री मोजड़ी रे ए ए जी इ इ इ हो जी

काटतो पीपळ री म्हें तो डाळ रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
बेठोड़ी गायां ने ठोकर मारतो ओ जी इ इ इ हो जी

ळे तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

कियोड़ा पाप परखाओ नी जेसल राजा 
वारी ओ जेसल राजा
कोनी डूबण दूँ पग री मोजड़ी रे ए ए जी इ इ इ हो जी

कबूतर री करतो म्हें शिकार रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
सगा भाणजा ने मारियो रे ए जी इ इ इ हो जी

मुन्ह्ड़े तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

कियोड़ा पाप परखाओ नी जेसल राजा 
वारी ओ जेसल राजा
पाप कह्याने वाळा धड़ पड़े हो ओ जी इ इ इ जी

लूटतो कँवारी म्हें तो जान रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
मन रा मुकलावा म्हें तो घणा किया रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

ओ ले पकड़ ले म्हारो हाथ रे थुं जेसल राजा
वारी ओ जेसल राजा
पाप कह्याने वाळा धड़ पड़े हो ओ जी इ इ इ जी

गोड़े तो आयो म्हारे नीर रे तोळांदे राणी रे 
वाह री तोळांदे राणी 
डूबण सुं डर, ओ घणो रे ए ए जी इ इ इ हो जी 

पाप कियोड़ा परखाया है जेसल राजा 
वारी ओ जेसल राजा
पाप कह्याने वाळा धड़ पड्या रे ए जी हो ओ ओ जी

धिन धिन ओ तोळ राणी , वाह री ओ सती राणी
रे वाह री तोळांदे राणी 
आप तिरिया ने जेसल तारियो रे ए जी
आप तिरिया ने जेसल तीर गियो रे ए जी
आप तिरिया ने जेसल तीर गियो रे ए जी
आप तिरिया ने जेसल तीर गियो रे ए जी

निर्धन रो धन गिरधारी

ओ ओ निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन साँचो रे सांवरो
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ हो ओ ओ 
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन गिरधारी
निर्धन रो धन साँचो रे सांवरो
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ इ इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ 

कुंडल ले घर आये सुदामा आ आ आ 
पूछत है उनकी नारी इ इ 
कुंडल ले, घर आये सुदामा
पूछत है उनकी नारी
श्याम सरीखा मित्र आपके
श्याम सरीखा मित्र आपके
अजहूँ ना गई विपदा थारी 
निर्धन रो धन साँचो रे सांवरो
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ हो ओ ओ

त्रिया जात, जगत में ओछी इ इ  
क्या तेरी गयी मत मारी इ इ 
त्रिया जात, जगत में ओछी  
क्या तेरी गयी मत मारी
कर्मां में दारिद्दर लिखिया 
काईं करे म्हारो गिरधारी इ इ इ
निर्धन रो धन साँचो रे सांवरो
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ हो ओ ओ

दो दो पेड़ कदम्ब के तारे ए ए ए 
दो दो पेड़ कदम्ब के तारे 
तार दिनी गौतम नारी
दो दो पेड़ कदम्ब के तारे 
तार दिनी गौतम नारी इ इ 
विश्वामित्र के यज्ञ कराए
विश्वामित्र के यज्ञ कराए
आप बन्याँ है अतिकारी इ इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ हो ओ ओ

चार पदार्थ रच्या रे भवन में
सबको पूरण गिरधारी
चार पदार्थ रच्या रे भवन में
सबको पूरण गिरधारी इ इ 
सूर्य कहे प्रभु, तुमरे भजन में
कंचन महेल हुआ भारी इ
सूर्य कहे प्रभु, तुमरे भजन में
कंचन महेल हुआ भारी इ इ इ 
निर्धन रो धन साँचो रे सांवरो
निर्धन रो धन गिरधारी इ इ 
निर्धन रो धन, साँचो रे सांवरो ओ ओ ओ हो ओ ओ

आ बदनामी लागे मीठी

आ आ आ आ बदनामी लागे मीठी इ इ इ
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो

सांकड़ी शेरी में म्हारा आ आ , सतगुरु मिळीया आ आ आ आ  
सांकड़ी शेरी में ए म्हारा, सतगुरु मिळीया 
किण विध फीरूं मैं अपुटी हो राणाजी म्हाने
सासू ननंद म्हारे, देरानी जेठानी इ 
सासू ननंद म्हारे ए, देरानी जेठानी इ 
जल बल होय अंगीठी हो राणाजी म्हाने
जल बल होय अंगीठी हो राणाजी म्हाने
आ बदनामी लागे मीठी हो 
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो

उठ सवेरे मीरा आ , मंदिर जाती इ इ इ 
उठ सवेरे ए मीरा आ, मंदिर जाती 
दुर्जन लोगां दिठी हो राणाजी म्हाने ए ए 
दुर्जन लोगां दिठी हो राणाजी म्हाने 
थारा रे नगर रा, लोग निमाणा आ आ 
थारे रे नगर रा राणा, लोग निमाणा
बात करे अणदिठी हो, राणाजी म्हाने
बात करे अणदिठी हो, राणाजी म्हाने
आ बदनामी लागे मीठी हो 
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो

थारो रे रामैया मीरा, म्हाने ही बतावो ओ ओ ओ 
थारो रे रामैयो मीरा आ आ आ, म्हाने ही बतावो
नहिंतर बाताँ थारी झूठी हो, राणाजी म्हाने ए ए ए 
नहिंतर बाताँ थारी झूठी हो, राणाजी इ म्हाने
म्हारो रे रामैयो राणा आ, घट घट बोले ए ए ए  
म्हारो रे रामैयो राणा, घट घट बोले
थारे हियाँ री काईं फूटी हो राणाजी म्हाने
थारे हियाँ री काईं फूटी हो राणाजी म्हाने
आ बदनामी लागे मीठी हो 
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो

काढ खड़ग राणो, कोपन लाग्यो ओ 
काढ खड़ग राणो ओ ओ , कोपन लाग्यो
महेलाँ में मीरा दिठी हो, राणाजी म्हाने ए 
महेलाँ महेलाँ मीरा दिठी हो, राणाजी म्हाने
मीरा के प्रभु, गिरधर नागर
मीरा के प्रभु उ उ, गिरधर नागर
रंग दियो रंग मजिठी हो, राणाजी म्हाने
रंग दियो रंग मजिठी हो, राणाजी म्हाने
आ बदनामी लागे मीठी हो 
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो
आ बदनामी लागे मीठी हो 
राणाजी म्हाने आ बदनामी लागे मीठी हो

Sunday, July 31, 2011

बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

बणी बणी के सब कोय साथी 
बणी बणी के सब कोय साथी
बिगड़ी का कोई नाहीं रे
एक समय रावण की बिगड़ी
एक समय रावण की बिगड़ी
लंक विभीषण पाई रे ए ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

कडवी बेल की कडवी तुम्बड़ीयाँ  आ आ हो 
कडवी बेल की कडवी तुम्बड़ीयाँ 
सब तीरथ कर आई रे
घाट घाट का जल भर लाई
घाट घाट का जल भर लाई
अजहूँ न गयी कडवाई रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

कुवे में कबूतर बोले ए ए ए ए ए
कुवे में कबूतर बोले 
वन में बोले मोर रे
नदी किनारे सारस बोले
नदी रे किनारे सारस बोले
में जाणु पिव मोरा रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

नेम धरम की जहाज बनाई इ इ 
नेम धरम की जहाज बनाई
समंदर बिच चलाई रे
धर्मी धर्मी पार उतर गए
धर्मी धर्मी पार उतर गए
पापी नांव डूबाई  रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

चुन चुन कंकर महेल बणाया आ आ आ 
चुन चुन कंकर महेल  बणाया
मुर्ख कहे घर मेरा रे 
ना घर तेरा, ना घर मेरा 
ना घर तेरा, ना घर मेरा 
चिड़िया रेण बसेरा रे 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

पांच तत्व की बणी रे चुनरिया आ आ आ हो
पांच तत्व की बणी रे चुनरिया
चुनरी में दाग लगायो रे
नाथ जालंधर गुरु रे हमारा
नाथ जालंधर गुरु रे हमारा
राजा मान जश गायो रे 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए 
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन

Tuesday, June 21, 2011

हेजी इणने अमर बिन्द परणावो ने सुरताने


ऐसे बरखुं क्या बरू, जन्मे सो मर जाय
में बर्बर्यो हूँ सांवरो, म्हारो अमर सुहाग होय जाय
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो ने सुरताने  (२)

सत वचनों सुं कर लो सगाई (२)
सम संतोष सदा मन मांही (२)
हेजी अब, निश्चय ना रेल झळवो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

पांच विषय रो टीको देदो (२) 
पांच कोष के गाँव भी देदो (२)
हेजी अपणे चित मांही चंवरी मंडावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

बेफिक्री रा फूल बनावो (२)
सुंगंध सेवरा खूब सजावो (२)
हेजी योरे, दोनों रे गळ पहिरावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

मन हस्तीजो रे आगम अम्बाडी (२)
ब्रह्म बिन्द ज्योरीं निकसी सवारी (२)
हेजी उणने, निरती निरख सरावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

गुरु ब्राह्मण चंवरी में आया (२)
माया ब्रह्म रा हाथ जुडाया (२) 
हेजी उठे, कीर्ति मंगळ गावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

तत्त्वं सी का शब्द सुणाया
तत्त्वं सी का मंत्र सुणाया
तूंही है तूंही है, यह सुण पाया (२) 
हेजी जदे , अंतर आनंद आवो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने
 
बिन्द पिया वे आया जनवासा (२) 
धुरिया महेल में किया रे निवासा (२)
हेजी जदे हंस घूंघट उघडावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

उघड्या घूंघट पट हो गया एका (२)
आप ही आप और नहीं देखा (२)
हेजी फिर, प्रीतम बिच समावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

सुरता प्रीतम होय गया भेळा (२)
बिखर गया सब खेलम-खेला (२)
हेजी अब सब अपणे घर जावो रे सुरताने (२) 
हेजी इणने अमर बिन्द परणावो रे सुरताने

हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो


हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो (२)
हेली ए परस्या मिटे दुःख जाळ, आतम सुख परख लो (२) 
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

हेली ए घर में मोतीडा री खाण, बाहिरे अब क्यूँ जावो  (२)
हेली ए सतगुरु खोजय है सुजाण, सहेजे सहेजे सुख पावो (२) 
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

हेली ए करदो भरमनारो चूर, आनंद जदे  आवशी (२)
हेली ए परसो आतम राम, जदे ही सुख पावशी (२)
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

हेली ए पूजो नी पत्थर अनेक, देवळ नित धोखी ए (२)
हेली ए नहीं मिले अपणो श्याम, भलाई भट चोखी ए (२)
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

हेली ए मळ विक्षेप मिटाय, आवरण अळगो करे (२) 
हेली ए झिलमिल झळके ज्योत, सहेजे पिव मिले (२)  
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

हेली ए देवनाथ गुरुदेव, नित समझावे है (२) 
हेली ए मानसिंह कहे माने तो दुःख मिट जावे है (२)
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 
हेली ए परस्या मिटे दुःख जाळ, आतम सुख परख लो (२) 
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 
हेली ए परसे आतम दीदार रूप निज ओळखो 

संगत करोनी निर्मळ साद री म्हारी हेली

संगत करोनी निर्मळ साद री म्हारी हेली
हे जासूँ, आवागमन मिट जाय ... (२)

चन्दन उग्यो हरिए बाग़ में म्हारी हेली
ख़ुशी भई वनराई .. (२)
चन्दन सुगंध औरों ने करे म्हारी हेली .. (२)
रही सुगंधी छायं .. (२)

पर्वत उग्यो हरियो बाँसडो म्हारी हेली
धूज रही वनराई ... (२)
आप जळे संग औरों ने जाळे हेली .. (२)
कपट गाँठ घाट म्हायं ... (२)

धुं लागी दावा डुन्गरा म्हारी हेली ... (२)
मिल गयी जाळो जाळ ... (२)
और पंखेरू सब उड़ गया म्हारी हेली ... (२)
हंस रह्या बैठा डाळ ... (२)

चन्दन हंस मुख बोलिया म्हारी हेली ... (२)
थे क्योँ जळो हंस राय ... (२)
मैं तो jalo बिन पांखियाँ म्हारी हेली ... (२)
हे म्हारी जड़ों है पताळो रे म्हाय ... (२)

हळखाया पात तोडिया म्हारी हेली
रमिया डाळो डाळ ... (२)
थे तो जळो भेळा मैं ही जळो म्हारी हेली ... (२)
जीवणों कितीएक वार ... (२)

चन्दन हंस प्रीत देखियो म्हारी हेली ...(२)
झिरमिर वर्षया मेह ... (२)
कहेत कबीर धर्मिदास ने म्हारी हेली ... (२)
नित नित नवला नेह .. (२)

संगत करोनी निर्मळ साद री म्हारी हेली
हे जासूँआवागमन मिट जाय ... ()

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही
हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही

हेली म्हारी, घाट में ही ज्ञान विचारो, थारे कुण हिया बोलन वाळो ... (२)
हेली म्हारी उण री करो ओळखाई, थारो जनम मरण मिट जाई ... (२)

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)

हेली म्हारी इंगळा पिंगळा राणी, तामे सुखमण सेज-संवारी .... (२)
ज्यों मिले पुरुष से प्यारी, ज्यामे कौन पुरुष कौन नारी .... (२)

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)

हेली म्हारी गगन में घूरे रे निशाणा, ज्यांरा मर्म कोई कोई जाणा ... (२)
कोई जाणे संत सुजाणा, बिन ब्रह्म-तत्व पेहचाणा ... (२)

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)

हेली म्हारी बाजे बिण-सीतारा, जठे संख मुरली झणकारा ... (२)
हेली सोहम चमके सीतारा, जठे बीना ज्योत उजियारा ... (२)


हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)
हेली म्हारी, घाट में ही ज्ञान विचारो, थारे कुण हिया बोलन वाळो
हेली म्हारी उण री करो ओळखाई, थारो जनम मरण मिट जाई

हेली म्हारी बाजे अनहद तूरा, जहां पहुंचे संत कोई शूरा ... (२)
जहां मिले कबीर गुरु पूरा, वहां नानक चरणों रो धूरा ... (२)

हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)
हेली म्हारी, घाट में ही ज्ञान विचारो, थारे कुण हिया बोलन वाळो
हेली म्हारी उण री करो ओळखाई, थारो जनम मरण मिट जाई
हेली म्हारी, बाहिर भटके काईं, थारे सब सुख है घाट माही ... (२)

हेली म्हारी निर्भय रहीजे

दुनियादारी औगणकारी जाने भेद मत दईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२) 
दुनियादारी औगणकारी जाने भेद मत दईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२) 

इण काया में अष्ट कमल हैं ... इण काया में
हो ओ इण काया में अष्ट कमल ज्योरी निंगे कराइजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
सत संगत में ए ए ... सत संगत
सत संगत में बैठ सुहागण ... (२)
साच कमाइजे ए ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

धन में गरीबी मन में फकीरी .... धन में गरीबी
हो ओ धन में गरीबी मन में फकीरी दया भावना राखिजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
ज्ञान झरोखे ए ए ... ज्ञान झरोखे
ज्ञान झरोखे बैठ सुहागण ...(२)
झालो दईजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

त्रिवेणी घर, तीन पदमणी ... त्रिवेणी घर
हो ओ त्रिवेणी घर, तीन पदमणी उने जाए बतालाईजे रे
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
सत बाण पर अ अ ... सत बाण पर
सत बाण पर बैठ सुहागण ... (२)
सीधी आईजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

हरी चरणों में शीश झुकाईजे... हरी चरणों में
हो ओ हरी चरणों में शीश झुकाईजे गुरु वचनों में रहीजे ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)
कहेत कबीर सुणों भाई साधू ...(२)
शीतल होइजे ए ए
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे ... (२)

कठे हुती ने कठे आन पड़ी म्हारी हेली


हे कठे हुती ने कठे आन पड़ी म्हारी हेली
अपणे रो सोच विचार
अब थोड़ो मान ले कह्यो
अपणे रो सोच विचार
अब थोड़ो मान ले कह्यो
हे कठे हुती ने कठे आन पड़ी म्हारी हेली
अपणे रो सोच विचार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)
अभिमान छोड़ रे गिंवार
मगरूर छोड़ रे गिंवार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)

दुनिया देखी ने हेली भई रे दीवानी रे ए ए ए ए 
दुनिया देखी ने हेली भई रे दीवानी रे 
आरे हेली, बीतो जाय त्यौहार
थारो बीतो जाय त्यौहार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)
अजे थारा पियाजी निजर नहीं आया रे ए ए ए ए
हेली, अजे थारा पियाजी निजर नहीं आया रे
आरे हेली, इण जमारो धिक्कार 
थारो इण जमारो धिक्कार 
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)
कठे हुती ने कठे आन पड़ी म्हारी हेली
अपणे रो सोच विचार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)

पलको रे ऊपर हेली, पियाजी री मेडी ए ए ए ए ए ए ए
पलको रे ऊपर हेली, पियाजी री मेडी ए 
आरे हेली, टुकी एक सुर्मो सार
हेली, टुकी एक सुर्मो सार हेली
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)
क्यारे कहूँ कछुं कह्यो नहीं जावे रे ए ए ए ए ए
क्यारे कहूँ कछुं कह्यो नहीं जावे रे ए
आरे हेली, शोभा अनंत अपार म्हारी
शोभा अनंत अपार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)
कठे हुती ने कठे आन पड़ी म्हारी हेली
अपणे रो सोच विचार
अब थोड़ो मान ले कह्यो (२)

हेली चाले तो हरी मिल जाए

हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो (२)
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो (२)

अधर धार करता का मेळा
शुन्य शिखर चढ़ जाय
अधर धार करता का मेळा
शुन्य शिखर चढ़ जाय
हेली शुन्य शिखर चढ़ जाय
तीन लोक पर अमर अखाडा (२)
काळ ना परसे जम जाय
गगन पर देशड ल्यो (२)
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो (२)

पांच तत्त्व तीनों गुण भेळा
ऊँचा अलख लखावे
पांच तत्त्व तीनों गुण भेळा
ऊँचा अलख लखावे
हेली ऊँचा अलख लखावे
निराकार नीर रूप ब्रह्म में हो
निराकार नीर रूप ब्रह्म में
सर्गुण सें न मिलावे 
गगन पर देशड ल्यो
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो हो (२)

श्रोता वक्ता दोनों ही थांके 
उर्झ रहे सुर्जहाय
श्रोता वक्ता दोनों ही थांके 
उर्झ रहे सुर्जहाय
हेली उर्झ रहे सुर्जहाय
स्वर्ग नरक की राह निराली (२)
भर्म्योड़ा ही गोता खाय 
गगन पर देशड ल्यो
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो हो (२)

पग बिन चले, नैण बिन निरखे 
परख लिया निर्वाण 
पग बिन चले, नैण बिन निरखे 
परख लिया निर्वाण  
हेली परख लिया निर्वाण  
चढ़ गयी सूरत घर वासा (२)
मगन भई है पिव जाण
गगन पर देशड ल्यो
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो हो (२)

पिवमिया परमानन्द पाया
सागर बूंद समाय 
पिवमिया परमानन्द पाया
पिवमिया परमानन्द पाया
सागर बूंद समाय 
पिवमिया परमानन्द पाया
सागर बूंद समाय 
हेली सागर बूंद समाय 
रामानंद रा भणत कबीरा ओ (२)
रज में रज मिल जाय 
गगन पर देशड ल्यो
रामानंद रा भणत कबीरा
रज में रज मिल जाय 
गगन पर देशड ल्यो हो 
गगन पर देशड ल्यो
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो हो
हेली चाले तो हरी मिल जाए 
गगन पर देशड ल्यो हो (३)

Saturday, May 28, 2011

मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई रे


मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
जाके सिर मोर मुकुट 
जाके सिर मोर मुकुट
मेरो पति सोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल

तात मात भ्रात बंधू
आपणों न कोई रे
तात मात भ्रात बंधू
आपणों न कोई रे
छाडी दई कूल की रीत
छाडी दई कूल की रीत
कहाँ करी है कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल

भाई छोड़, बंधू छोड्या
छोड्या सगाँ सोई रे
भाई छोड़, बंधू छोड्या
छोड्या सगाँ सोई रे
संतन के ढिग बैठ बैठ
संतन के ढिग बैठ बैठ
लोक लाज खोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
 
चुनरियाँ के तुकती ए, ओढ़ लई लोई रे  
चुनरियाँ के तुकती ए, ओढ़ लई लोई रे  
मुन्गियाँ मोती उतार दिना 
मुन्गियाँ मोती उतार दिना
बन माळ पोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल

अंसुअन जल सींच सींच, प्रेम बेल बोई रे
अंसुअन जल सींच सींच, प्रेम बेल बोई रे
अब तो बेल फेल गयी 
अब तो बेल फेल गयी 
आनंद फल होई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल

दधी की मखनियां मैं, प्रेम से बिलोई रे
दधी की मखनियां मैं, प्रेम से बिलोई रे
दधी माथि घीत काढी लीनो
दधी माथि घीत काढी लीनो 
डार दही छोई रे 
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल

भगत देख राजी भाई, जगत देख रोई रे 
भगत देख राजी भाई, जगत देख रोई रे 
दासी मीरा लाल गिरधर
दासी मीरा लाल गिरधर
सारो अब मोहि रे

मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो न कोई रे
जाके सिर मोर मुकुट 
जाके सिर मोर मुकुट
मेरो पति सोई रे
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल
मेरे तो गिरधर गोपाल

घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे

घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे
मीरा नाचे रे, आ मेड़तणी नाचे रे
मीरा नाचे रे, आ मेड़तणी नाचे रे
के घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

मीरा गढ़ सूं उतरी रे राणोजी पकड्यो हाथ
मीरा गढ़ सूं उतरी रे राणोजी पकड्यो हाथ
हाथ थे म्हारो छोड़ दो राणा 
हाथ थे म्हारो छोड़ दो राणा 
मुख सूं करल्यो बात
घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

मीरा नाचे मेड़ता में, सखियाँ मिन्दर मांय 
मीरा नाचे मेड़ता में, सखियाँ मिन्दर मांय 
मीरा बजावे घूँघरा रे
मीरा बजावे घूँघरा रे
सखियाँ बाजवे ताल
घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

जहर को प्यालो राणा जी भेज्यो, दीजो मीरा रे हाथ
जहर को प्यालो राणा जी भेज्यो, दीजो मीरा रे हाथ
कर चरणामृत पी गयी रे
कर चरणामृत पी गयी रे 
साह्य करी रघुनाथ
घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

सर्प पिटारो राणा जी भेज्यो, दीजो मीरा रे हाथ
सर्प पिटारो राणा जी भेज्यो, दीजो मीरा रे हाथ
घाल गला में पेरियो रे
घाल गला में पेरियो रे
वे ग्यो नवसर हार
घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

मीरा बाई री विनती थे सुनजो सर्जनहार 
मीरा बाई री विनती थे सुनजो सर्जनहार 
शरणे आयोडे री लजा राखजो 
शरणे आयोडे री लजा राखजो 
चार भूजा रा नाथ
घूँघरू छम छमाछम छन न न न न न न बाजे रे बाजे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे
निज मंदिर रे मांय ने आ मीरा नाचे रे

एक घडी तो म्हारे सामो भाळ गिरधर म्हारा रे

एक घडी तो म्हारे सामो भाळ गिरधर म्हारा रे,
एक घडी तो म्हारे सामो भाळ 
अबळा रे अरुदे बेगो आव, ज्योंजी म्हारा राम
अबळा रे अरुदे बेगो आव, ज्योंजी म्हारा राम

आयो रे आयो, सीरियादे री बेल, हो हो ओ ओ ओ  
आयो रे आयो
आयो रे आयो, सीरियादे री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो आयो, सीरियादे री बेल
जलतोड़ी नांवाँ में मिनिया उबारिया जी म्हारा राम

आयो रे आयो प्र्हलादे री बेल,  हो हो ओ ओ ओ
आयो रे आयो 
आयो रे आयो प्र्हलादे री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो रे आयो प्र्हलादे री बेल 
जलतोड़ी होळी में भगत उबारिया जी म्हारा राम

आयो रे आयो टिटोडी री बेल,  हो हो ओ ओ ओ
आयो रे आयो  
आयो रे आयो टिटोडी री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो आयो टिटोडी री बेल 
भरिये रे भारत  में इंडा राखिया जी म्हारा राम

आयो रे आयो पांडवाँ  री बेल, हो हो ओ ओ ओ 
आयो रे आयो
आयो रे आयो पांडवाँ  री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो रे आयो पांडवाँ  री बेल
लाखां रे महेलां में पांडू उबारिया जी म्हारा राम

आयो रे आयो द्रौपदी री बेल, हो हो ओ ओ ओ
आयो रे आयो
आयो रे आयो द्रौपदी री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो रे आयो द्रौपदी री बेल
भरी रे सभा में चिर बढ़ाविया जी म्हारा राम

आयो रे आयो रूपांदे री बेल, हो हो ओ ओ ओ
आयो रे आयो
आयो रे आयो रूपांदे री बेल गिरधर म्हारा रे
आयो रे आयो रूपांदे री बेल
सोने री थाळी में बाग़ लगावियाँ जी म्हारा राम

गावे रूपांदे, रावळजी री नार, हो हो ओ ओ ओ
गावे रूपांदे, रावळजी री नार गिरधर म्हारा रे
गावे रूपांदे, रावळजी री नार 
सुणीयाँ ने साम्भिळया भवजळ पार उतरिया म्हारा राम 
सुणीयाँ ने साम्भिळया भवजळ पार उतरिया म्हारा राम 

एक घडी तो म्हारे सामो भाळ गिरधर म्हारा रे,
एक घडी तो म्हारे सामो भाळ 
अबळा रे अरुदे बेगो आव, ज्योंजी म्हारा राम
अबळा रे अरुदे बेगो आव, ज्योंजी म्हारा राम