बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बणी बणी के सब कोय साथी
बणी बणी के सब कोय साथी
बिगड़ी का कोई नाहीं रे
एक समय रावण की बिगड़ी
एक समय रावण की बिगड़ी
लंक विभीषण पाई रे ए ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
कडवी बेल की कडवी तुम्बड़ीयाँ आ आ हो
कडवी बेल की कडवी तुम्बड़ीयाँ
सब तीरथ कर आई रे
घाट घाट का जल भर लाई
घाट घाट का जल भर लाई
अजहूँ न गयी कडवाई रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
कुवे में कबूतर बोले ए ए ए ए ए
कुवे में कबूतर बोले
वन में बोले मोर रे
नदी किनारे सारस बोले
नदी रे किनारे सारस बोले
में जाणु पिव मोरा रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
नेम धरम की जहाज बनाई इ इ
नेम धरम की जहाज बनाई
समंदर बिच चलाई रे
धर्मी धर्मी पार उतर गए
धर्मी धर्मी पार उतर गए
पापी नांव डूबाई रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
चुन चुन कंकर महेल बणाया आ आ आ
चुन चुन कंकर महेल बणाया
मुर्ख कहे घर मेरा रे
ना घर तेरा, ना घर मेरा
ना घर तेरा, ना घर मेरा
चिड़िया रेण बसेरा रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
पांच तत्व की बणी रे चुनरिया आ आ आ हो
पांच तत्व की बणी रे चुनरिया
चुनरी में दाग लगायो रे
नाथ जालंधर गुरु रे हमारा
नाथ जालंधर गुरु रे हमारा
राजा मान जश गायो रे
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
बिगड़ी कौन सुधारे रे ए ए
बिगड़ी कौन सुधारे नाथ बीन
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