Wednesday, August 11, 2010

वायक आया ओ गुरु देव रा ए

जमले माईं जावणों, जागे रावळ मान
रूप गुरु से अरज करे, थोड़ो म्हारे सामी भाळ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

केम करे ने गुरु आवों रे,
नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ
के नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ

निन्द्रा मंगावो हारा हेर री रे 
ढोली सांपडला पोढ़ावो रे आ आ
हो ढोली सांपडला पोढ़ावो रे आ आ

अतरो करे ने रूपों हालिया रे
आया रिकिया रे दरबारां रे आ आ
ए आया रिकिया रे दरबारां रे आ आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो जी आ आ

सब रे संतों ने रामा राम रे,
म्हारे गुरु ने घणी खम्मा रे आ आ आ
ओ म्हारे गुरु ने घणी खम्मा रे आ आ

हाथ जोड़े ने रूपों बोलिया रे
म्हारी मोजडियों है रोणी रे आ आ आ
ओ म्हारी मोजडियों है रोणी रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

अरे बत्तियों बुजोणी हारा हेर री रे
नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ
ओ नुगरो रावळ मान जागे रे आ आ आ

हांकड़ी हेरी में हामी आवियों रे 
रोणी कवेळा हीन गेता रे आ आ आ
हे रोणी कवेळा हीन गेता रे आ आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

हाथ जोड़े ने रूपा बोलिया ए
आपरे फूल वीणवा ग्याता रे आ आ आ
हो आपरे फूल वीणवा ग्याता रे आ आ

रावळ मान देखि बोलिया
फूल कठासुं थे लाया रे आ आ आ
ओ फूल कठासुं थे लाया रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

पेहली वाडी डर रे डूंगरे रे  
दूजी वैकुंठा रे माईं रे आ आ आ
हे दूजी वैकुंठा रे माईं रे आ आ आ

तीजी वाडी रे हारा हेर में रे
चौथी सर्गों रे मांही रे आ आ आ
के चौथी सर्गों रे मांही रे आ आ

वायक आया ओ गुरु देव रा ए
रूपों जमले पधारो रे आ आ आ
ओ रूपाबाई जमले पधारो रे आ आ

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