Friday, August 13, 2010

छोटी सी उमर परणाई

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर
इतरा दिनां तो म्हाने लाड लड़ाया
अब क्यूँ करो सा म्हाने दूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

थारे पिपलिये री, भोळी म्हें चिडकली
थे चावो तो उड़ जाऊं सा
म्हें तो बबासा सा थारे खूंटे री गावडली
टोरो उठे ही टूर जाऊं सा
भेजो तो भेजो सा मरजी है थारी
सावण में बुलईजो जरूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

थां घर जन्मी, थां घर खेली
अब घर भेजो दूजे
आगे बढ़ू तो पग पाछा पड़े
म्हारो काळजियो थर थर धूजे
मुड़े सुं कई बोलू म्हारा आंसूडा बोले
हिवड़ो भर्यो है भरपूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर

संग की सहेल्यां आओ, आप गले मिलल्यां
फिर कदं मिलणो होवे सा
भाई भाभी मावडली सुं जाऊं मैं बिछडके
आँखडल्याँ म्हारी रोवै सा
काईं करूँ म्हाने तो निभाणो पडेगो
दुनिया को यो दस्तूर

छोटी सी उमर परणई ओ बाबासा
काईं थारो करयो मैं कसूर
इतरा दिनां तो म्हाने लाड लड़ाया
अब क्यूँ करो सा म्हाने दूर

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