Tuesday, August 2, 2011

लोक लाज सब खोय फकीरी, निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हे हे ए ए ए हे

हे ए ए ए अम्बर ओढ़ण भूमी पथारणा, बिज मसाणा सो हो हो हो ओ होय {२}
भूत पालित की शंका ना राखे {२}
जीवत मुर्दा होय फकीरी {२ }
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए बिसत मुर्दा है वो चेतन, जाण सके ना कोय हो हो हो ओ होय {२}
उनकी गत को वोही जाणे {२}
नहीं हँसे नहीं रोय फकीरी {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए आवत जावत श्वाश जकोळा, हरदम हिरदा दो ओ ओ हो हो ओ होय {२}
उड़-कपट रा संशय मेट्या, उड़-कपट रा धागा मेट्या
भरम रह्य नहीं कोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए ए समदृष्टि दीदार भेट्या, अगम अगोचर जो ओ ओ हो हो होय {२}
कर्म अतित फिरे रे जग माहीं {२} 
कर्म रह्या नहीं कोई फकीरी {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

हे ए ए ए ए पार ब्रह्म रा दर्शन पाया, सूरत सोऽहं में पो ओ ओ ओ ओहो हो होय {२}
गोपेश्वर अज्नेश्वर शरने {२}
जन्म-मरण नहीं होय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी {२} 
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हा हा आ आ हा 

लोक लाज सब खोय फकीरी... {२}
निर्भय पड़ा निर्मोह ह ह हो हो ओ ओ हो

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