Friday, August 5, 2011

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या


पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए अनुभव सूज-बुज, सतगुरु से
त्याग जगत री बाट हो हो ओ ओ हो
हे ए ए ए अनुभव सूज-बुज, सतगुरु से
त्याग जगत री बाट हो हो ओ ओ हो

विवेक वैराग सम दम शरदा {२}
काम कलप ना काट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए ए अगम अगोचर देश दीवाना
अविद्या नहीं रे उलाट हो हो ओ ओ हो 
हे ए ए ए ए अगम अगोचर देश दीवाना
अविद्या नहीं रे उलाट हो हो ओ ओ हो 

नेत्र विवेक खुल्या घट भीतर
नैन विवेक खुल्या घट भीतर
देखे अनहद ठाठ फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

हे ए ए ए बंका राय, बेगमगढ़ चढ़वे  
कायर जावे नाट हो हो ओ ओ हो
हे ए ए ए बंका राय, बेगमगढ़ चढ़वे  
कायर जावे नाट हो हो ओ ओ हो
शूरा संत शिखर गढ़ चढ़िया {२} 
दोष करम सब काट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

पग बीन पंथ ना नैण बीन निर्ख्या {२}
ऐसा अविगत घाट फकीरी {२}
निर्गुण राह निहार हा हा आ हा हा 

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