Tuesday, January 10, 2012

कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा

दर्शन प्यासी बाई सुगणा,
आ रो रो करे रे पुकार
आवो द्वारिकानाथ
थाने बुलावो आखरी वार

कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होग्यो काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होग्यो काना सुं बैर

अरे कईं थारो लीलो घोड़ो, थाकियो ओ वीरा
कईं होगया काना सुं बैर, ओ अजमल जी रा कँवरा
कईं होगया काना सुं बैर

अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो ई संसार

अरे आणो होवे तो वेगा, आवजो ओ वीरा
बाई छोड्या अन्न-जळ-पान, ओ मेणांदे रा लाला
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
ओ जग झूठो संसार

अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज

अरे गाँव रुनिचे सुता, राम धणी ओ बाबा
पड़ी पड़ी काना में आवाज, ओ अजमल जी रा कँवरा
पड़ी पड़ी काना में आवाज

अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ अजमल जी रा कँवरा
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार

अरे माता मेणांदे यूँ, पूछियो ओ वीरा
कुण थाने दिया ओ जगाय, ओ मेणांदे रा लाला
सिद जावो लीले ने सजाय, ओ सुगणा रा वीरा
टीटी चडिया राजकुमार

अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे बेनड़ विलाप

अरे रत्नो पडियो है पुंगळ, जैळ में ओ माता
करे करे सुगणा विलाप, ओ माताजी म्हारा
करे करे सुगणा विलाप

अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन म्हार

अरे जाय पुंगळ बाई ने लावणी ओ माता
दिन उगे तज देला प्राण, ओ माताजी म्हारा
दिन उगे तज देला प्राण, ओ सुगणा रा वीरा
पुंगळ चडे मन नहीं म्हार

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