थे तो कांकड़ आए फरुक्या जी ओ गज कामणिया ... (२)
बसती रो विंद सरायो जी गज कामणिया ... (२)
थे तो तोरण आए फरुक्या जी ओ गज कामणिया ... (२)
सासुजी विंद सरायो जी गज कामणिया ... (२)
थे तो चंवर्या आए फरुक्या जी ओ गज कामणिया ... (२)
जोशीजी विंद सरायो जी गज कामणिया ... (२)
Wednesday, July 15, 2009
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