गोरे गोरे अंग पे गुमान काहे बावरे |
रंग तो पतग रंग कल उड़ जावेलो ||
अरे धुआं केसो धन तेरो जात हूँ न लागे देरो |
चोरन को माल नहीं चौवटे है बिकायगो ||
मनुष्य की देही सोही जीवत ही आवे काम |
मुआ पछे स्वान कागा कुतरा ना खाएगो ||
ए दुनिया है तानसेन छोड़ दे माया की धेनु |
बंधी मुठ्ठी आयो तू तो खाली हाथ जाएगो ||
अरे काया ने श्रृंगार कोयलिया पर मंडळी मत जायिजो रे ... (२)
पर मंडळी रा नहीं रे भरोसा, अदविच में रुळ जावो ए ... (२)
काया ने श्रृंगार कोयलिया आ आ हा हा ... ओम ओम हरी ओम |
ओ तो गेरो फूल रोहिडा रो कीजे, वे फूलडा मत लीजो ए ... (२)
थोड़ो फूल घनो हरमानो, फूल हजारी गुल लाइजो रे ... (२)
अरे काया ने श्रृंगार कोयलिया पर मंडळी मत जायिजो रे
पर मंडळी रा नहीं रे भरोसा, अदविच में रुळ जावो ए
काया ने श्रृंगार कोयलिया आ आ हा हा ... ओम ओम हरी ओम |
अरे खरासमंद रो खारो पानी, वो पानी मत लाइजो ए ... (२)
थोड़ो नीर घनो हरमानो, नीर गंगाजल लाइजो रे ... (२)
अरे काया ने श्रृंगार कोयलिया पर मंडळी मत जायिजो रे
पर मंडळी रा नहीं रे भरोसा, अदविच में रुळ जावो ए
काया ने श्रृंगार कोयलिया आ आ हा हा ... ओम ओम हरी ओम |
अरे पिचम भोम में उबो रे खेजडो, उण छाया मत जईजो रे ... (२)
उत्तर दक्खन रो वाजे रे वयारो, काँटा में रुळ जावो ए ... (२)
अरे काया ने श्रृंगार कोयलिया पर मंडळी मत जायिजो रे
पर मंडळी रा नहीं रे भरोसा, अदविच में रुळ जावो ए
काया ने श्रृंगार कोयलिया आ आ हा हा ... ओम ओम हरी ओम |
अरे बाई रे मीरा री भजन मंडळी, उण मंडळी भले रे जईजो रे ... (२)
उण मंडळी रा खरा रे भरोसा, डूबतडी तीर जावो रे ... (२)
अरे काया ने श्रृंगार कोयलिया पर मंडळी मत जायिजो रे
पर मंडळी रा नहीं रे भरोसा, अदविच में रुळ जावो ए
काया ने श्रृंगार कोयलिया आ आ हा हा ... ओम ओम हरी ओम |
Sunday, July 12, 2009
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